दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर छिड़ी बहस में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत भी कूद गए हैं। उनका कहना है कि सभी पशुओं को जीने का अधिकार है और आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान उनकी आबादी को नियंत्रित करके ही संभव है। भागवत ने कहा कि, कुत्तों को शेल्टर होम भेजने से कुछ नहीं होगा।

संघ प्रमुख ने गुरुवार को ओडिशा के कटक स्थित जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में एक धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान उनकी आबादी को नियंत्रित करके ही किया जा सकता है, न कि उन्हें आश्रय स्थलों तक सीमित करके। उन्होंने कहा कि सभी पशुओं को जीने का अधिकार है। मोहन भागवत ने यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर दी, जिसमें 8 हफ्तों में आवारा कुत्तों को दिल्ली-NCR के आवासीय क्षेत्रों से हटाकर शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया गया था।

संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘इस समस्या का समाधान केवल आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करके ही किया जा सकता है। हालांकि, आवारा कुत्तों को शेल्टर्स में रखकर इसका समाधान नहीं किया जा सकता।’’ एक उदाहरण देते हुए भागवत ने कहा कि गाय का दूध निकालते समय भारतीय कुछ दूध ले लेते हैं और बाकी बछड़े के लिए छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन बनाने की कला है। विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाकर प्रकृति का संरक्षण किया जाना चाहिए।’’

देशभर से 500 से अधिक संतों की उपस्थिति में आयोजित धर्मसभा के दो सत्रों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि प्रकृति से जुड़े विभिन्न मुद्दों का समाधान पारंपरिक तरीकों से किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, “भारतीय धरती उपजाऊ है क्योंकि हमारे किसान धरती से अधिक दोहन नहीं करते। वे उपभोग के लिए आवश्यक अनाज पैदा करने के लिए धरती माता का उपयोग करते हैं, जबकि यूरोपीय लोग अफ्रीका में अधिकतम अनाज उत्पादन के लिए अत्यधिक उर्वरकों का उपयोग करके मिट्टी को नष्ट कर देते थे।”

वेटरनरी साइंस ग्रैजुएट मोहन भागवत सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर उठे विवाद पर टिप्पणी कर रहे थे, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर स्थायी रूप से डॉग शेल्टर्स में डालने को कहा गया है। हालांकि गुरुवार को इस फैसले पर दोबारा सुनवाई हुई। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की स्पेशल बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।

कटक के बाद पुरी रवाना हुए मोहन भागवत कटक सभा के बाद मोहन भागवत पुरी के लिए रवाना हुए। यहां उन्होंने गोवर्धन पीठ के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया।

बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान उन्होंने प्रमुख धार्मिक मामलों पर भी चर्चा की। इसके बाद, भागवत ने पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में दर्शन किए। मोहन भागवत बुधवार शाम भुवनेश्वर पहुंचे थे। शुक्रवार को ओडिशा से रवाना होंगे।

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