भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जहां आज भी ऐसे चत्मकार होते हैं, जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं है. ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के उदयपुर से 60 किमी दूर अरावली पर बना है, जहां माता जब भी खुश होती हैं तो वो अग्नि स्नान करती हैं. इस अग्नि स्नान के दौरान माता के आस-पास रखी सभी चीजें जल जाती हैं, लेकिन माता की मुर्ति को एक खंरोच भी नहीं आती है. ये अग्नि धीरे-धीरे विकराल रूप धारण करती है और इसकी लपटें 10 से 20 फीट तक पहुंच जाती है.

बता दें कि राजस्थान के उदयपुर से 60 किमी दूर अरावली की पहाड़ियों में स्थित ईडाणा माता मंदिर में हर साल अपनेआप आग लग जाती है. माना जाता है कि जब माता बहुत प्रसन्न होती हैं, तो वह अग्नि स्नान करती हैं. इसमें मंदिर के अंदर की हर एक चीज जलकर राख हो जाती है. लेकिन माता की मूर्ति को कुछ नहीं होता. इस मंदिर के ऊपर कोई छत नहीं है और एकदम खुले चौक में स्थित है.
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स्थानीय लोग बताते हैं यहां महीने में कम से कम 2-3 बार स्वत: ही अग्नि प्रज्जवलित हो जाती है और इस अग्नि में माता की मूर्ति को छोड़कर उनका पूरा श्रृंगार और चुनरी सब कुछ स्वाहा हो जाता है. इस अग्नि स्नान को देखने के लिए भक्तों का मेला लगा रहता है. वहीं, सबसे आश्चर्यजनक बात तो ये है कि ईडाणा माता के अग्नि स्नान के बाद ये आग अपनेआप बुझ जाती है. इस दौरान माँ का सारा श्रृंगार व चुनरियाँ भस्म हो जाती हैं. इसे देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगती है. हालांकि ये आग कैसे लगती है आज तक कोई भी इस बात का पता नहीं लगा पाया है.
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मंदिर से जुड़ी मान्यताएँ
- अग्नि स्नान: भक्त बताते हैं कि मंदिर में देवी ईडाणा माता स्वयं अग्नि स्नान करती हैं. जब माँ पर अधिक भार होता है, तो स्वतः अग्नि प्रज्वलित हो जाती है और माँ का सारा श्रृंगार व चुनरियाँ भस्म हो जाती हैं.
- अप्रभावित प्रतिमा: इस अग्नि से माँ की प्रतिमा पर कोई असर नहीं पड़ता है और सब कुछ जलकर राख हो जाता है, जिसके बाद प्रतिमा को नया श्रृंगार कराया जाता है.
- इच्छा पूर्ति: ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त इस अग्नि स्नान के दर्शन करते हैं, उनकी हर इच्छा पूरी होती है.
- चमत्कारी उपचार: यहाँ लकवा से ग्रसित रोगियों के ठीक होने की मान्यता है.
- संतान की मनोकामना: निःसंतान दम्पत्ति यहां झूला चढ़ाने आते हैं, जिससे उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है.
- त्रिशूल चढ़ाते हैं भक्त: भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर त्रिशूल चढ़ाते हैं.
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