हेमंत शर्मा, इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर जू का दौरा कर मध्यप्रदेश की समृद्ध वन्य जीव संपदा की सराहना की। उन्होंने कहा कि परमात्मा की कृपा से प्रदेश जंगलों और वन्य जीवों से परिपूर्ण है। सरकार का निरंतर प्रयास है कि सभी वन्य जीव सुरक्षित और संरक्षित रहें। कई प्रजातियां जो समय के साथ विलुप्त हो गई थीं, उन्हें पुनर्जनन के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि 60-70 साल पहले मध्यप्रदेश में पाए जाने वाले कोबरा सांप को फिर से प्रदेश में लाया गया है। इंदौर जू में हाल ही में बायसन का जोड़ा शामिल किया गया है, जिनके नाम रूद्र, कलकी, तापी और तुलसी रखे गए हैं। यह प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।
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उन्होंने कहा कि पहले इंदौर से लायन का जोड़ा अन्य राज्य को दिया गया था, जिसके बदले जंगली भैंस (बायसन) और शुतुरमुर्ग के जोड़े प्राप्त हुए हैं। शुतुरमुर्ग भले ही उड़ने वाला पक्षी नहीं है, लेकिन यह प्रदेश की जैव विविधता को समृद्ध करता है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दक्षिण अफ्रीका से आए ज़ेब्रा इंदौर में अपना परिवार बढ़ा रहे हैं। कान्हा टाइगर रिजर्व में बायसन की संख्या में वृद्धि हो रही है और भविष्य में वाक्य हिरण जैसी प्रजातियों को भी लाने की योजना है।
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सीएम मोहन ने गर्व के साथ कहा कि एशियाई चीता मध्यप्रदेश में पहली बार सफलतापूर्वक परिवार बढ़ा रहा है। शिवपुरी के बाद अब गांधीसागर अभयारण्य में भी चीतों को छोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार का लक्ष्य संतुलन और संरक्षण के साथ जैव विविधता को बढ़ावा देना है, ताकि भावी पीढ़ियां इन वन्य जीवों को देख और समझ सकें।
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