लखनऊ. 44वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 (अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला) का आयोजन इस वर्ष 14 से 27 नवंबर को होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की थीम पर आधारित 44वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले 2025 का आयोजन भारत मंडपम नई दिल्ली में किया जा रहा है. इस वर्ष आयोजित किए जा रहे अतंर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के साथ “साझेदार राज्य” के रूप में भाग ले रहा है.
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन और मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश इस अतंर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी “लोकल टू ग्लोबल” की आर्थिक रणनीति को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करेगा. जिसका मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक व्यापर के केंद्र के तौर पर विकसित करना, साथ ही प्रदेश के स्थानीय उत्पादों की पहुंच वैश्विक बाजार तक स्थापित करना है. इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा इस मेले को राज्य की ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) योजना, युवा स्टार्टअप्स और बढ़ती हुई महिला उद्यमिता को प्रदर्शित करने के लिए भी की जाएगी. इससे पहले भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वार इसी वर्ष 25 से 29 सितंबर को ग्रेटर नोएडा में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 भी “लोकल से ग्लोबल” की थीम पर आधारित था. भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 में उत्तर प्रदेश का पवेलियन राज्य की व्यापारिक प्रगति को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
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भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 में उत्तर प्रदेश एक साझीदार राज्य के रूप में शामिल हो रहा है, जिसमें राज्य से 2,750 से अधिक प्रदर्शक भागीदारी करेंगे. व्यापार मेले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “लोकल टू ग्लोबल” की मुहीम को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करेंगे. इस मेले में 343 स्टॉल ओडीओपी योजना के अंतर्गत स्थापित किए जा रहे हैं. व्यापार मेले में राज्य की ओर से लगाए जा रहे ओडीओपी स्टॉल्स में आगरा का पेठा, भदोही की कार्पेट, मेरठ के खेल सामान, कानपुर के चमड़े के उत्पाद, फिरोजाबाद के ग्लासवेयर और सहारनपुर की लकड़ी की कलाकृतियों जैसे उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के सामने प्रदर्शित किया जाएगा. ये स्टॉल्स न केवल उत्पादों की गुणवत्ता और शिल्पकला को उजागर करेंगे, बल्कि स्थानीय कारीगरों की कहानियों को भी वैश्विक पटल पर प्रस्तुत करेंगे. आधुनिक पैकेजिंग, डिजिटल मार्केटिंग और सस्टेनेबल प्रैक्टिसेज के साथ पेश किए जा रहे ये उत्पाद अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के बाजारों में प्रवेश करने की क्षमता रखते हैं. मेले के दौरान आयोजित बी टू बी मीटिंग्स में विदेशी प्रतिनिधिमंडलों ने ओडीओपी उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई है, जिससे राज्य के स्थानीय उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा.
भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 में यूपी सरकार विशेष तौर पर राज्य के युवा स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों को प्राथमिकता दे रही है. उत्तर प्रदेश से लगभग 150 से अधिक युवा स्टार्टअप्स और महिला उद्यमी मेले में अपनी नवोन्मेषी पहल पेश करने के लिए भेजे जाएंगे. राज्य की ‘स्टार्टअप पॉलिसी 2020’ और ‘महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना’ के तहत प्रशिक्षित ये उद्यमी कृषि-आधारित तकनीक, हर्बल कॉस्मेटिक्स, हैंडलूम प्रोडक्ट्स और ईको-फ्रेंडली सामग्री पर काम करते हैं. ये स्टार्टअप्स न केवल रोजगार सृजन कर रहे हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को डिजिटल युग से जोड़ रहे हैं. महिला उद्यमियों की भागीदारी सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है-ये महिलाएं गांवों से निकलकर वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना रही हैं. मेले में उनके लिए विशेष वर्कशॉप्स और नेटवर्किंग सेशन आयोजित किये जाएंगे, जहां वे निवेशकों और खरीदारों से प्रत्यक्ष जुड़ेगी.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘लोकल टू ग्लोबल’ रणनीति का मूल आधार निर्यात वृद्धि है. पिछले आठ वर्षों में राज्य ने इस नीति के तहत व्यापार में 132 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2 लाख करोड़ के निर्यात का लक्ष्य प्राप्त किया है, जो कि राज्य की ओडीओपी, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों जैसी दूरगामी नीतियों का परिणाम हैं. वर्तमान में राज्य में लगभग 12,000 से अधिक स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हैं, जिनमें 35 फीसदी से अधिक स्टार्ट अप का संचालन महिलाएं करेंगी. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 के दौरान ओडीओपी उत्पादों के लिए विशेष ‘ग्लोबल मार्केट एक्सेस’ सेमिनार किए जाएगें साथ ही डिजिटल शोरूम भी निर्मित किये जाएंगे, जो भविष्य में निर्यात को और बढ़ावा देंगे. साथ ही ओडीओपी उत्पादों को लेकर विदेशी दूतावासों और व्यापार मंडलों के साथ समझौतों को भी प्राथमिकता दी जाएगी. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 के माध्यम से उत्तर प्रदेश वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य में नई ऊंचाइयों को छूने की तैयारी कर रहा है-जहां राज्य के स्थानीय उत्पाद वैश्विक ब्रांड बनेंगे और ग्रामीण भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनेगा.
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