नितिन नामदेव, रायपुर। 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में गिरफ्तार राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया को ईडी ने आज स्पेशल कोर्ट में पेश किया. ईडी ने मंगलवार को पूछताछ के बाद सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था. अब आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया है.

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बता दें कि सौम्या चौरसिया को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाला में पूछताछ के लिए मंगलवार को तलब किया था. लंबी पूछताछ के बाद ईडी की टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया था.

सौम्या चौरसिया कोयला घोटाला मामले की मुख्य आरोपियों में शामिल हैं. इससे पहले मई महीने में सुप्रीम कोर्ट की शर्तों पर सौम्या चौरसिया समेत छह आरोपियों को रिहा किया गया था. रिहाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें राज्य से बाहर रहने के निर्देश भी दिए थे.

क्या है शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान 2019 से 2023 तक शराब नीति को बदलकर चहेते सप्लायरों के माध्यम से शराब घोटाला हुआ. इसमें लाइसेंस की शर्तें ऐसी रखी गई कि चहेती कम्पनियों को काम मिल सके. उन कंपनियों ने नकली होलोग्राम और सील बनवाई. यह काम नोएडा की एक कंपनी ने किया. इसके बाद नकली होलोग्राम लगी शराब की महंगी बोतलें सरकारी दुकानों के माध्यम से बिक्री करवाई गई.

चूंकि नकली होलोग्राम था तो बिक्री की जानकारी शासन को नहीं हो पाती थी और बिना एक्साइज टैक्स दिए शराब की बिक्री होती रही. इस तरह से शासन को 2165 करोड़ रुपए के टैक्स का चूना लगाया गया. यह रकम कांग्रेस भवन बनवाने से लेकर नेताओं, अधिकारियों और मंत्रियों तक बंटे.

इनकी हो चुकी है गिरफ्तारी

शराब घोटाला मामले में अब तक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके अलावा आबकारी विभाग के 28 आबकारी अधिकारी भी आरोपी बनाए गए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है.