चंकी बाजपेयी, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर को स्वच्छता में नंबर वन के साथ ही भिक्षा मुक्ति शहर बनाने के लिए भी जिला प्रशासन पूरी तरह से कार्य कर रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी यहां भीख मांगने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। पुलिस ने राजस्थान से अपने बच्चों के साथ इंदौर पहुंची 10 से ज्यादा महिलाओं का रेस्क्यू कर उन्हें वापस उनके राज्य पहुंचाया गया है। ये महिलाएं बच्चों के साथ लॉज में रुक कर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भिक्षावृत्ति कर रही थी।

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दरअसल शहर में भिक्षाव्रती बढ़ती जा रही है, जिसे लेकर भिक्षाव्रती उन्मूलन केंद्र और पुलिस के सहयोग से भीड़भाड़ वाले इलाकों में भिक्षाव्रती करने वाले लोगों को रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा जा रहा है। इसी क्रम में 56 दुकान और आसपास के क्षेत्र में कुछ बच्चें और महिलाओं के भीख मांगने की सूचना मिली थी। जिसके आधार पर भिक्षावृत्ति उन्मूलन केंद्र के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। सूचना के बाद मौके पर पुलिस भी पहुंची और वहां से 10 से अधिक महिलाएं और बच्चों को रेस्क्यू कर उनसे पूछताछ की गई। इस दौरान पता चला कि यह सरवटे बस स्टैंड के आसपास लॉज में रुकी थी।  

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एडिशनल डीसीपी राम स्नेही मिश्रा ने बताया कि सभी महिलाएं राजस्थान के रहने वाली हैं, और उनके पति दिल्ली में मजदूरी का काम करते हैं। इसी कारण से वह अपने बच्चों को लेकर इंदौर की ओर आ गई, और फिर यहां पर कोई काम नहीं मिलने के कारण उन्होंने 56 दुकान से राजवाड़ा और अन्य क्षेत्रों में भिक्षावृत्ति के साथ ही छोटे बच्चों को पेन और अन्य सामान पकड़ाकर विभिन्न चौराहा पर कार्य कराया जा रहा था। जब इसकी जानकारी सामाजिक संगठनों को लगी तो उन्होंने इसकी शिकायत की और पूरे मामले में जिला प्रशासन द्वारा गठित टीम और पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए सभी महिलाओं को सुरक्षित रूप से राजस्थान भिजवाया गया। 

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