Bihar Politics: बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद भी अक्सर जहरीली शराब पीने के कारण लोगों के मौत की खबरें सामने आती रहती हैं. पिछले दिनों गोपालगंज, सारण समेत अन्य जिलों में जहरीली शराब पीने से 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद से विपक्ष इस लेकर लगातार बिहार सरकार पर हमलावर है. इस बीच जदयू प्रवक्ता ने एक मीडिया चैनल से शराबबंदी पर बात करते हुए कई बड़े खुलासे किए हैं.

‘राबड़ी देवी के शासन में सबसे अधिक मौत’

बातचीत में जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि, ‘राबड़ी देवी के शासनकाल मे 34% लोग शराब पीते थे, जबकि नीतीश कुमार के शासन काल 2006 में 28 फीसदी ही लोग शराब पीते थे. शराब पीने वालों की संख्या घटी है, जबकि शराब दुकान की संख्या 3000 हजार से बढ़कर 6000 हो गई थी.’

नीरज कुमार ने बताया कि, ‘राबड़ी देवी के शासन काल में 456 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी. शराबबंदी से पहले नीतीश कुमार के शासन में 367 लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई. शराबबंदी के बाद जहरीली शराब से 157 लोगों की मौत हुई. यानी मौत के आंकड़ों में कमी आई है.’

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क्या कहता है NCRB का आंकड़ा?

यदि NCRB आंकड़ों की बात करें तो जरहरीली शराब से मौत के मामले में जब राबड़ी देवी राज्य की सीएम (1999-2005) थी, तब शराब पीने से मरने वालों की रैंकिंग में बिहार का 6वां स्थान था. 2022 में बिहार की रैंकिंग 13 वीं हो गई.

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‘RJD ने शराब कंपनियों से लिए पैसे’

नीरज कुमार ने आरजेडी पर शराब बनाने वाली कंपनियों से चंदा लिए जाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि, ‘लोकसभा चुनाव से पहले आरजेडी ने शराब कंपनियों से 46 करोड़ 64 लाख रुपए चंदा लिया. उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि, जब बिहार में शराबबंदी है तो शराब कंपनियां आरजेडी को पैसे क्यों दें रहीं थी. तेजस्वी बताए क्या डील हुई थी?’

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