आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने छापेमार कार्रवाई की। इस दौरान करोड़ों की नकली दवाइयों को बाजार में खपाने का खुलासा हुआ है। छापेमारी के दौरान लगभग 8 करोड़ की नकली दवा बरामद की गई है। बताया जा रहा है कि टास्क फोर्ट ने एक दवा फैक्ट्री में दबिश दी। यह फैक्ट्री माफिया विजय गोयल की थी। जो बीते दिनों नकली दवा बनाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

मिली जानकारी के मुताबिक, 8 महीना जेल में रहने के बाद विजय गोयल की जमानत हुई थी। जिसके बाद वह दोबारा बड़े पैमाने पर नकली दवाइयों का कारोबार शुरू कर दिया था। नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने विजय की ट्रैकिंग की और फिर उसकी फैक्ट्री में छापा मारा। जहां 8 करोड़ का माल बरामद हुआ है।

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यह फैक्ट्री सिकंदरा थाने से 4 किलोमीटर दूर इंडस्ट्रियल एरिया के मोहम्मदपुर इलाके में गुपचुप तरीके से संचालित की जा रही थी। फैक्ट्री से सभी रास्तों का संपर्क है, जिससे माल की लोडिंग-अनलोडिंग में कोई परेशानी नहीं होती थी। बताया जा रहा है कि इस फैक्ट्री में मुख्य रूप से कैंसर, स्लीपिंग पिल्स, डायबिटीज, एलर्जी और एंटीबायोटिक जैसी कुछ अन्य बीमारियों की महंगी नकली दवाइयां बनाई जाती थीं। नकली दवाइयां बनाकर मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान में खपाई जाती थीं। बीते 4 माह में लगभग 80 करोड़ की दवाइयां बाजार में खपा दी गईं। 

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पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। स्पेशली सेक्शन 111 भी लगाई गई है। फिलहाल एंटी नारकोटिक्स की टीम यह पता लगाने में जुटी हुई है कि किस किस डीलरों को दवा खपाई गई है। यह भी जांच की जा रही थी कि इन दवाओं की सप्लाई मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब आदि शहरों में कहां-कहां की गई है ?