विक्रम मिश्र, लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 में खराब प्रदर्शन से सबक लेकर यूपी भाजपा अब अपनी रणनीति और उदासीन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने की फिराक में है। संगठन से लेकर सरकार तक के कार्यों की समीक्षा और उस पर मंथन कार्य जारी है। आखिर बीजेपी अपने मजबूत गढ़ में कैसे हारी ? भाजपा की ओर से चुनाव परिणाम की समीक्षा के क्रम में यह मुद्दा बड़े स्तर पर उभर कर सामने आया था। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक बदलावों की प्रक्रिया शुरू करने के संकेत दिए हैं। जिससे कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में भी बदलाव की प्रबल संभावना है।

जमीनी नेताओं के खुल सकते हैं भाग्य

भारतीय जनता पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम करने और उचित परिणाम देने वाले नेताओं का भी भाग्य खुल सकता है।

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संगठन के मुखिया समेत मंत्रियों में होगा फेरबदल

योगी मंत्रिमंडल में शामिल उदासीन और अपेक्षित परिणाम नहीं देने वाले मंत्रियों का कद घटाया जा सकता है। जबकि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की फिर से प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में वापसी हो सकती है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 से पहले उत्तर प्रदेश में संगठन और सरकार को मजबूत दिखाने की कवायद के तहत अहम बदलाव की तैयारी है। माना जा रहा है कि संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही मंत्रिमंडल में भी बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है।

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यूपी बीजेपी के संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि भाजपा के संगठन चुनाव की प्रक्रिया नए साल में जनवरी के अंतिम सप्ताह में पूरी हो जाएगी। जिसके बाद टीम योगी के स्वरूप में भारी बदलाव दिखने की उम्मीद है।

पार्टी विरोधी बयान देने और जनाधार रहित नेताओं की खैर नहीं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद ही ऐसे नेताओं की लिस्ट तैयार कर रहे है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव के समय अनर्गल बयान दिए थे। जिससे कि पार्टी को नुकसान हुआ था। ये लिस्ट केंद्रीय नेताओं को भेजी जाएगी। जिसके बाद ही टीम योगी में नए नेताओं की एंट्री और पुराने नेताओं को गुडबाय कहा जा सकता है। साथ ही बड़े विभाग संभालने वाले मंत्रियों के पास अगर दो या अधिक विभागों की जिम्मेदारी है तो उसे कम किया जा सकता है। साथ ही परफॉर्मेंस पर ही पुरस्कार और दंड की पॉलिसी उत्तर प्रदेश भाजपा के संगठन और सरकार में अपनाई जाएगी।