हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश में इंदौर नगर निगम द्वारा बायपास स्थित 7 ट्रिलियन होटल को ध्वस्त करने के आदेश पर माननीय उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने रोक लगा दी है। यह आदेश विशेष बेंच द्वारा शनिवार को छुट्टी के दिन सुनवाई के बाद दिया गया।
निगम के जोन क्रमांक 19 के भवन अधिकारी ने 7 ट्रिलियन होटल को बिना मंजूरी के निर्माण बताते हुए ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था। इस कार्रवाई को शनिवार, 16 नवंबर 2024 को अंजाम दिया जाना था। हालांकि, होटल के स्वामी सुजीत गावड़े ने शुक्रवार देर रात माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश ने विशेष बेंच का गठन किया।
विशेष सुनवाई
शनिवार को न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने याचिका की सुनवाई की। याचिकाकर्ता के वकील जयेश गुरनानी ने दलील दी कि नगर निगम की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की बुलडोजर गाइडलाइंस का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि, कार्रवाई से पहले 15 दिन का नोटिस देना जरूरी है। संबंधित पक्ष को सुनने और स्पष्ट आदेश (स्पीकिंग ऑर्डर) पास करना चाहिए। वहीं होटल का कंपाउंडिंग आवेदन निगम के पास लंबित है।
निगम का पक्ष
नगर निगम की ओर से अधिवक्ता लक्की जैन ने दलील दी कि यह निर्माण बिना मंजूरी के किया गया है और कार्रवाई नियमों के तहत है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने कार्रवाई पर स्टे लगा दिया और अगली सुनवाई मंगलवार को तय की। अदालत ने निगम और अन्य पक्षों से विस्तृत जवाब मांगा है। इधर होटल स्वामी का दावा है कि कार्रवाई गाइडलाइंस के खिलाफ है। फिलहाल विशेष सुनवाई के बाद होटल को तोड़ने की कार्रवाई रोक दी गई है। अगली सुनवाई में दोनों पक्षों के जवाब और तर्कों पर अंतिम फैसला होगा।
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