कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर की जीवाजी विश्वविद्यालय में NSUI कार्यकर्ताओं ने कुलगुरु दफ्तर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान भ्रष्ट कुलपति इस्तीफा दो और धारा 52 लागू करो के पोस्टर चिपकाए गए।

दरअसल, NSUI मध्य प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता ईशान प्रताप सिंह चौहान और प्रदेश उपाध्यक्ष अभिमन्यु पुरोहित के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अविनाश तिवारी के ऑफिस के बाहर जमकर नारेबाजी की गई। NSUI ने अपने इस प्रदर्शन के जरिए जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु अविनाश तिवारी को हटाने के साथ विश्वविद्यालय में धारा 52 लगाने की मांग राज्यपाल से की।

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एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक में जगह-जगह चिपकाए पोस्टर

एक ओर विश्वविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक में जगह-जगह पोस्टर चिपकाए गए तो वहीं दूसरी ओर राजपाल और मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त ग्वालियर संभाग को ज्ञापन देकर कुलपति को पद से हटाए जाने की मांग की गई। प्रदेश प्रवक्ता ईशान प्रताप सिंह चौहान का कहना है कि जीवाजी विश्वविद्यालय दलालों और भ्रष्ट अधिकारियों के नेक्सस में डूब चुका है, विश्वविद्यालय के अधिकारी और प्रोफेसर अपने नैतिक मूल्यों को पीछे छोड़कर गलत रास्ते से पैसा कमाने में लग गए हैं। जिसकी वजह से विश्वविद्यालय बदनाम हो रहा है। NSUI ऐसे भ्रष्टाचारियों के चलते विश्वविद्यालय को बदनाम नहीं होने देगी। राजपाल और मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र के बाद भी यदि कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो अगले कदम में कुलगुरु ऑफिस की तालाबंदी की जाएगी। इसके साथ ही NSUI कार्रवाई न होने तक लगातार सड़क पर उतरकर प्रदर्शन भी करेगी।

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बतादें कि मुरैना जिले के झुंडपुरा गांव में फर्जी कॉलेज को मान्यता देने का खुलासा होने के बाद EOW ने कुलगुरु सहित 19 प्रोफेसर्स पर FIR दर्ज की है। इन सभी पर धोखाधड़ी, शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने का केस दर्ज किया गया है। EOW में केस दर्ज होने के बाद कुलगुरु डॉ अविनाश तिवारी ने भोपाल राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की थी। इस दौरान राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कुलगुरु डॉ अविनाश तिवारी पर नाराज़गी जताई थी। EOW में केस दर्ज होने राज्यपाल की नाराजगी के बाद अब कुलगुरु डॉ अविनाश शर्मा किसी भी वक्त हटाये जा सकते हैं। संभावना है कि जीवाजी यूनिवर्सिटी में कुलगुरु के इस्तीफे के साथ जल्द धारा 52 लग सकती है।

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