SEBI Chairman Madhavi Puri: शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधबी पुरी बुच का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है. ऐसे में वित्त मंत्रालय ने नए चेयरमैन की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे हैं.

बुच का कार्यकाल 3 साल का था. उन्होंने 2 मार्च 2022 को अजय त्यागी की जगह ली थी. बुच 2017 से 2022 तक सेबी में पूर्णकालिक सदस्य थीं. माधबी पुरी बुच अपने सख्त स्वभाव के लिए जानी जाती हैं.

नए सेबी प्रमुख को 5 लाख 62 हजार 500 वेतन मिलेगा (SEBI Chairman)

अगले सेबी प्रमुख का कार्यकाल अधिकतम 5 साल या 65 वर्ष की आयु तक होगा. इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार के सचिव के बराबर वेतन और अन्य सुविधाएं मिलेंगी या कार और घर के बिना 5,62,500 रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा.

बुच ने 1989 में आईसीआईसीआई बैंक से करियर की शुरुआत की थी. 2007 से 2009 तक वे आईसीआईसीआई बैंक में कार्यकारी निदेशक रहीं. फरवरी 2009 से मई 2011 तक वे आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की प्रबंध निदेशक और सीईओ रहीं.

वे 2011 में सिंगापुर चली गईं और वहां ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में काम किया. माधबी को वित्तीय क्षेत्र में 30 साल का अनुभव है और वे पहले सेबी की विभिन्न समितियों में रह चुकी हैं. वे वर्तमान में इसकी सलाहकार समिति में भी थीं.

हिंडनबर्ग का आरोप- अडानी समूह से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में सेबी प्रमुख की हिस्सेदारी

अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार (19 अगस्त) रात 9:57 बजे एक रिपोर्ट जारी की. इसमें दावा किया गया कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडानी समूह से जुड़ी एक ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है.

व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडेनबर्ग ने दावा किया कि बुच और उनके पति की मॉरीशस स्थित ग्लोबल डायनेमिक ऑपरच्यूनिटी फंड नामक एक ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी थी.