पटना। पटना जिले के नौबतपुर में औद्योगिक विकास की एक नई कहानी लिखी जा रही है। बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) के प्रस्ताव पर जिला प्रशासन ने नौबतपुर के चार मौजों में 538.15 एकड़ जमीन को औद्योगिक क्षेत्र के लिए चिह्नित किया है। इस कदम से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियों की शुरुआत हो सकती है, जो रोजगार के नए अवसरों को उत्पन्न करेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था में भी योगदान करेगी।

क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम?

इस फैसले से बिहार के औद्योगिक विकास को नई दिशा मिल सकती है। नौबतपुर में जमीन का चिह्नन इस क्षेत्र को औद्योगिक हब बनाने के लिए किया गया है, जहां बड़े और मंझले उद्योगों के लिए सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह कदम बिहार सरकार की “आत्मनिर्भर बिहार” योजना का हिस्सा है, जिसके तहत राज्य में औद्योगिकीकरण और रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जा रही है।

538.15 एकड़ जमीन पर होगा औद्योगिक विकास

नौबतपुर के चार मौजों में 538.15 एकड़ भूमि को औद्योगिक गतिविधियों के लिए चिह्नित किया गया है। इस भूमि पर उद्योगों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे जैसे सड़क, पानी, बिजली और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके साथ ही, एक समर्पित औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार और BIADA मिलकर काम करेंगे।

 क्षेत्र को क्या होगा लाभ?

नौकरी के अवसर: इस औद्योगिक विकास से क्षेत्र के लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिलने की संभावना है। इससे स्थानीय लोगों को स्थिर और बेहतर आय के स्रोत मिलेंगे।

आर्थिक प्रगति: औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार से राज्य की अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी और साथ ही राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: नौबतपुर में बुनियादी ढांचे का विकास होगा, जैसे सड़कें, जल आपूर्ति, बिजली और परिवहन सुविधाएं, जो न केवल औद्योगिक क्षेत्र के लिए, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी फायदेमंद होंगी।

स्थानीय लोगों और उद्योगपतियों की प्रतिक्रिया:

स्थानीय समुदाय और उद्योगपति इस कदम को सकारात्मक रूप से देख रहे हैं। उनका मानना है कि इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र की समृद्धि में वृद्धि होगी। कई उद्योगपति पहले ही इस क्षेत्र में निवेश करने में रुचि दिखा चुके हैं, जो यह दर्शाता है कि नौबतपुर का औद्योगिक विकास एक व्यवहारिक और लाभकारी कदम हो सकता है।

अगले चरण और सरकारी पहल:

BIADA और जिला प्रशासन इस परियोजना के अगले चरण की योजना बना रहे हैं, जिसमें औद्योगिक इकाइयों के लिए आवश्यक प्रोत्साहन और अनुदान की व्यवस्था की जाएगी। राज्य सरकार ने उद्योगों को आकर्षित करने के लिए विशेष नीतियों की घोषणा की है, जैसे कि भूमि अधिग्रहण में सरल प्रक्रिया और उद्योगों के लिए टैक्स में छूट।