मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने मानसून की तैयारियों के संबंध में शुक्रवार को सचिवालय में सभी जनपदों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने कहा कि मानसून अवधि में संभावित आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए सभी विभाग अपनी-अपनी तैयारियों को पुख्ता कर लें. यदि कुछ कार्य किए जाने शेष हैं तो समय पर उन्हें पूरा कर लें.
मुख्य सचिव ने कहा कि आपदाओं का सामना करने में जहां आपदा से पूर्व तैयारी महत्वपूर्ण है, वहीं त्वरित रिस्पांस टाइम भी बेहद जरूरी है. जितना बेहतर हमारा रिस्पांस टाइम होगा, उतना ही प्रभावी तरीके से हम आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्य करने और आम जनमानस को राहत पहुंचाने में सफल हो सकेंगे. उन्होंने आगामी मानसून सीजन से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल और चंपावत के जलभराव और बाढ़ प्रभावित इलाकों में मॉक ड्रिल आयोजित करने के भी निर्देश दिए.
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सीएस ने कहा कि राज्य में चारधाम यात्रा भी चल रही है, ऐसे में सभी रेखीय विभागों का 24 घंटे अलर्ट पर रहना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि राहत और बचाव दल तथा विभिन्न विभाग यह सुनिश्चित करें कि किसी भी आपदा की स्थिति में उनकी टीम त्वरित गति से मौके पर पहुंचे और बिना समय गंवाए अपने-अपने कार्यों का निष्पादन करें. मुख्य सचिव ने कहा कि मानसून अवधि में बाढ़ और जलभराव का एक प्रमुख कारण नदियों में सिल्ट का अत्यधिक मात्रा में जमा हो जाना है. उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में नदियों की डिसिल्टिंग कराया जाना आवश्यक है. उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वन क्षेत्र में डिसिल्टिंग करने में जिन भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, उनका शासन के साथ वार्ता कर समाधान निकालकर कार्रवाई की जाए.
सीएस ने कहा कि आपदा के बाद जन सामान्य को राहत पहुंचाना शासन-प्रशासन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने आपदा प्रभावितों को सहायता जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. आपदा के बाद पुनर्निर्माण कार्यों को त्वरित गति से संचालित करने और नुकसान के आंकलन के लिए पंचायत स्तर पर सर्वे टीम गठित करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों की मांग पर पर्याप्त एम्बुलेंस जनपदों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा संबंधी कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है. सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि आपदा मद में जो भी धनराशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है, उसका शत-प्रतिशत उपयोग किया जाए. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि धन का किसी प्रकार भी दुरुपयोग ना हो.
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बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में विभिन्न रेखीय विभागों के नोडल अधिकारियों की तैनाती हो गई है. उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन निधि तथा राज्य सेक्टर से पुनर्निर्माण और पुनर्प्राप्ति कार्यों के लिए और राहत और बचाव कार्यों के लिए 162 करोड़ रुपये की धनराशि जनपदों को जारी कर दी गई है. उन्होंने कहा कि तैयारी और क्षमता विकास मद में प्रति जनपद एक-एक करोड़ रुपये जारी किए जाने की कार्यवाही गतिमान है. विभिन्न विभागों को भी धनराशि आवंटित की गई है.
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