दरभंगा। बिहार की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। बीजेपी के विधायक मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है।बिहार विधानसभा सचिवालय ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। यह कार्रवाई दरभंगा स्थित एमपी/एमएलए विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के आधार पर की गई है। अदालत ने मिश्रीलाल यादव को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी सदस्यता को 27 मई 2025 से प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया गया।
बिहार विधानसभा सचिवालय ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत यह कदम उठाया है। अब मिश्रीलाल यादव विधायक नहीं रहेंगे, और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र (जिसकी जानकारी विस्तृत अधिसूचना में होगी) को रिक्त घोषित कर दिया गया है। इस फैसले से बिहार की सियासत में हलचल मच गई है और बीजेपी के लिए यह एक राजनीतिक झटका माना जा रहा है।
बड़ा फैसला सुनाया था
मई महीने में दरभंगा स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक आपराधिक मामले में बड़ा फैसला सुनाया था। अलीनगर से भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव और सुरेश यादव को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। दोनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत दो-दो साल की सजा सुनाई गई , साथ ही एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। यह फैसला 2019 में दर्ज एक मारपीट और लूटपाट के मामले के तहत आया था।
क्या है मामला?
एफआईआर के अनुसार, 29 जनवरी 2019 की सुबह जब उमेश मिश्र टहल रहे थे, तभी कदम चौक पर मिश्री लाल यादव, सुरेश यादव और करीब 20-25 अन्य लोगों ने उन्हें घेर लिया और गाली-गलौज की। विरोध करने पर मिश्री लाल यादव ने फरसे से उनके सिर पर वार किया, जिससे गंभीर चोटें आईं। वहीं सुरेश यादव ने रॉड और लाठी से मारपीट की और उमेश मिश्र की जेब से 2300 रुपये निकाल लिए।
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