AAP Mla Umesh Makwana Resigns: गुजरात विधानसभा उपचुनाव में विसाबदर सीट पर जीत से गदगद आप पार्टी को ये खुशी ज्यादा देर नहीं टिकी है। उपचुनाव परिणाम के दूसरे ही दिन AAP को बड़ा झटका लगा है। आप विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। गुजरात (Gujarat) के बोटाद से आम आदमी पार्टी (AAP) के MLA मकवाना ने पार्टी के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। इसे लेकर उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है।
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पार्टी से इस्तीफा देने के बाद मकवाना ने कहा कि मैंने 20 साल तक बीजेपी में अलग-अलग पदों पर काम किया। जिस वक्त गुजरात में AAP को कोई पहचानता भी नहीं था, उस वक्त मैंने सत्तारूढ़ बीजेपी को छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। यहां मुझे लगता है कि हम डॉ. बीआर अंबेडकर के सिद्धांतों से भटक रहे हैं। यही वजह है कि मैंने आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
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मकवाना ने आगे कहा कि मैं पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर काम करना जारी रखूंगा। मैं बोटाद के लोगों के बीच जाऊंगा। मैं कुछ लोगों से मिलकर अलग पार्टी बनाने या न बनाने पर चर्चा करूंगा।
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चिट्ठी में क्या लिखा?
अरविंद केजरीवाल को भेजी चिट्ठी में मकवाना ने कहा कि जय भारत, साथ में सूचित करता हूं कि मैं आम आदमी पार्टी में राष्ट्रीय संयुक्त सचिव के पद पर ढाई साल में सेवा कर रहा हूं। इसके साथ ही गुजरात विधानसभा में आम आदमी पार्टी चीफ व्हिप के रूप में सेवा कर रहा हूं। फिलहाल मेरी सामाजिक सेवाएं कम होने से, मैं आम आदमी पार्टी के तमाम पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं एक कार्यकर्ता के रूप में पार्टी का कार्य करूंगा। मुझे सभी पद पर से और जिम्मेदारी से मुक्त करने के लिए मेरा आपसे अनुरोध है।
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कांग्रेस और बीजपी पर निशाना
मकवाना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”गुजरात की राजनीति में पिछले कई वर्षों से जातिवादी विचारधारा का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। बीजेपी, कांग्रेस या अन्य किसी भी पार्टी में यही स्थिति है. मैंने 2020 से पहले बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी (आप) जॉइन की थी। 2022 में बोटाद से चुनाव लड़ा और विधायक बना, फिर मुख्य सचेतक भी बना। उन्होंने कहा, ”बीजेपी ने आज तक कोली समाज के किसी भी प्रतिनिधि को न तो मुख्यमंत्री बनाया है और न ही प्रदेश अध्यक्ष। कांग्रेस सत्ता से बाहर होने के बावजूद पिछड़े समाज की आवाज नहीं बन सकी है। विपक्ष की भूमिका निभाने में भी कांग्रेस कमजोर साबित हुई है।
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लोगों से चर्चा के बाद आगे का निर्णय लूंगा
मैं 2027 के चुनाव में पिछड़े समाज के लोगों से चर्चा के बाद निर्णय लूंगा कि क्या करना है। नई पार्टी बनाऊंगा या नहीं, इसके बारे में बाद में जानकारी दूंगा। गुजरात की उप-चुनावों में भी आम आदमी पार्टी में भेदभाव की नीति देखने को मिली।
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