Rajasthan News: झालावाड़ और जैसलमेर में स्कूल भवनों के ढहने से हुई बच्चों की मौत के बाद राजस्थान सरकार हरकत में आ गई है। हादसे के बाद प्रदेशभर से जर्जर स्कूलों की चिंताजनक तस्वीरें सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि अगर किसी स्कूल का भवन खतरनाक स्थिति में है, तो उसे तुरंत बंद कर सील कर दिया जाए और शिक्षक खुद निर्णय लेकर बच्चों को छुट्टी भी दे सकते हैं।

दिलावर ने कहा, अभी प्रदेश में भारी बारिश हो रही है, गांवों में पानी भर चुका है, नदियां उफान पर हैं और घरों तक में पानी घुस रहा है। ऐसे में स्कूल भी अछूते नहीं हैं। अगर किसी भवन में पानी भरने या गिरने का अंदेशा हो, तो वहां न खुद जाएं और न ही बच्चों को भेजें। उस इमारत को लाल कपड़ा लगाकर चेतावनी के साथ सील कर दें।
शिक्षकों को मिली छुट्टी देने की छूट
शिक्षा मंत्री ने पहली बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर किसी स्कूल की हालत पढ़ाई लायक नहीं है, तो शिक्षक खुद स्कूल में छुट्टी घोषित कर सकते हैं। इसके लिए बस संबंधित अधिकारी को फोन पर जानकारी देनी होगी।
हालांकि जिलाधिकारियों को पहले ही बाढ़ और बारिश के हालात को देखते हुए स्कूलों में छुट्टियां घोषित करने के अधिकार दिए जा चुके हैं, और कई जिलों में ये लागू भी हो चुका है। फिर भी जहां आदेश नहीं हुआ और हालात बिगड़ रहे हों, वहां शिक्षक आगे बढ़कर छुट्टी की घोषणा कर सकते हैं।
1936 स्कूलों की मरम्मत के लिए 169 करोड़ मंजूर
सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए मरम्मत का बजट भी जारी कर दिया है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने 1936 सरकारी स्कूलों के भवनों की मरम्मत के लिए 169 करोड़ 52 लाख 94 हजार रुपये मंजूर किए हैं। यह राशि सीधे उन स्कूलों पर खर्च की जाएगी जहां जर्जर हालात में पढ़ाई हो रही है।
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