Delhi CM Rekha Gupta Attack Case: दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमला करने के आरोपी को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। 20 अगस्त की देर रात दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने आरोपी को जज के घर पर पेश किया। जज ने मामले को सुनने के बाद आरोपी राजेश भाई खिमजी को पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

बता दें कि सीएम रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह मुख्यमंत्री कैम्प ऑफिस में ‘जन सुनवाई’ कर रहीं की। इसी जनसुनवाई में गुजरात के राजकोट का रहने वाला राजेश भाई खिमजी भी पहुंचा। आरोपी राजेश ने शिकायतकर्ता बनकर एंट्री ली और अचानक सीएम पर हमला कर दिया। इससे मुख्यमंत्री को हाथ, कंधे और सिर में चोटें आईं। सीएम पर हमले ने जनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी।

दिल्ली पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। हालांकि 16 घंटे की पूछताछ के बाद भी दिल्ली पुलिस के हाथ खाली हैं। कई सवालों के जवाब पुलिस को नहीं मिले हैं। इस पूरे मामले की साजिश और गहरी होती नजर आ रही है।

आरोपी राजेश भाई खिमजी के मोबाइल से कई अहम नंबर मिले हैं, जिन पर वह हमले से पहले और बाद तक लगातार बात करता रहा। पुलिस ने मोबाइल जब्त कर लिया है और इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि सारे नंबर गुजरात के हैं और आरोपी पिछले 24 घंटे से इन्हीं पर सक्रिय था। अब पुलिस की जांच कई बिंदुओं पर केंद्रित है। पुलिस जांच में जुटी है कि आरोपी बार-बार किससे फोन पर बात कर रहा था? शालीमार बाग स्थित सीएम आवास की वीडियो रिकॉर्डिंग क्यों बनाई? आरोपी दिल्ली क्यों आया और किन लोगों से मिला? और आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट आदेश के विरोध का बहाना या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क?

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब आरोपी को पकड़ा गया तो उसके पास ना तो कोई शिकायत पत्र था और ना ही कोई एप्लिकेशन. यही नहीं, पुलिस ने यह भी साफ किया कि आरोपी का कोई भी रिश्तेदार किसी जेल में बंद नहीं है। यानी यह संभावना भी खारिज हो गई कि वह मुख्यमंत्री से किसी कैदी की पैरवी कराने या किसी बंदी की रिहाई के लिए पहुंचा था।

24 घंटे पहले से कर रहा था रेकी

शालीमार बाग स्थित मुख्यमंत्री के निजी आवास से मिले सीसीटीवी फुटेज ने हमले की गंभीरता और भी बढ़ा दी है। फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि आरोपी ने घटना से एक दिन पहले वहां जाकर रेकी की थी। उसने न केवल आवास के बाहर घूमकर वीडियो बनाया बल्कि फोन पर लगातार किसी से बात भी करता दिखा। यह वीडियो पुलिस के पास है और जांच का हिस्सा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी ने जानबूझकर हथियार अपने साथ नहीं रखा क्योंकि उसे मालूम था कि सुरक्षा जांच में पकड़ा जा सकता है। यही कारण है कि उसने हाथों से हमला किया, लेकिन उसका मकसद गंभीर नुकसान पहुंचाना था।

पुलिस और आईबी की संयुक्त पूछताछ

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, आईबी और अन्य खुफिया एजेंसियां मिलकर आरोपी से पूछताछ कर रही हैं। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी का अयोध्या आना-जाना रहा है और वह पहले बंदरों की सुरक्षा को लेकर भूख हड़ताल पर भी बैठ चुका है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस हमले को साधारण घटना मानना जल्दबाजी होगी. आरोपी ने लगातार कई लोगों से फोन पर बातचीत की और उसके मोबाइल से मिले संपर्कों को ट्रेस किया जा रहा है। आने वाले दिनों में और लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।

पांच पुराने केस और आपराधिक इतिहास

पुलिस रिकॉर्ड खंगालने पर सामने आया कि आरोपी का आपराधिक इतिहास लंबा है। गुजरात में उसके खिलाफ पांच मामले दर्ज हैं, जिनमें तीन शराब तस्करी से जुड़े और दो मारपीट के हैं। कुछ मामलों में वह पहले बरी भी हो चुका है। पेशे से वह ऑटो चालक है और शादीशुदा है। सूत्रों का कहना है कि आरोपी पिछले दो दिन से दिल्ली में था और सिविल लाइंस के एक गेस्ट हाउस में ठहरा हुआ था। मंगलवार को वह सीएम के शालीमार बाग स्थित आवास भी पहुंचा, जहां स्टाफ ने उसे पर्ची पर कैम्प ऑफिस का पता और जनसुनवाई का समय लिखकर दिया।

इन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर

आरोपी के खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 109(1)/132/221 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सरकारी कर्मचारी पर हमला करने के आरोप में बीएनएस की धारा 132, सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने के आरोप में बीएनएस की धारा 221 और हत्या कोशिश के लिए धारा 109 के तहत मामला दर्ज किया है।

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