रायपुर। दिल्ली के यशोभूमि में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमीकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन किया। इस इवेंट के दौरान देश की पहली पूरी तरह से स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर चिप ‘विक्रम’ को लॉन्च किया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर खुशी व्यक्त की और इसे भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है।

मुख्यमंत्री साय ने आधिकारिक सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर लिखा- मेड इन इंडिया चिप्स, स्वर्णिम भारत की नई पहचान, राष्ट्र तय कर रहा आत्मनिर्भरता का नया सोपान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के अनुरूप, सेमीकॉन इंडिया 2025 में यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। इसरो द्वारा विशेष रूप से स्पेस लॉन्च व्हीकल्स के लिए तैयार किया गया यह प्रोसेसर भारत की नवाचार क्षमता और तकनीकी मजबूती का प्रतीक है।
CM साय ने आगे लिखा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक नेतृत्व का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को इस सफलता के लिए हार्दिक बधाई दी।
देखें CM साय की एक्स पोस्ट
4 सितंबर तक होगा सेमीकॉन इंडिया 2025 आयोजन
गौरतलब है कि 4 सितंबर तक चलने वाले इस आयोजन में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग से जुड़े दिग्गज भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में 33 देशों से आए 150 अंतरराष्ट्रीय वक्ता, 350 प्रदर्शक और लगभग 2,500 प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। इस मंच का उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और तकनीकी नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाना है।
‘विक्रम’ चिप की विशेषताएं
‘विक्रम’ पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित की गई पहली 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर चिप है। इसे इसरो की सेमीकंडक्टर लैबोरेट्री (SCL) ने विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) के सहयोग से विकसित किया है।
- यह चिप -55°C से लेकर +125°C तक के कठिन तापमान पर भी काम करने में सक्षम है।
- इसे अंतरिक्ष अभियानों में उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है और PSLV-C60 मिशन के दौरान सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया।
- यह 180 नैनोमीटर CMOS तकनीक पर आधारित है और जटिल गणनाओं के लिए 64-बिट फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस को सपोर्ट करती है।
- इस चिप के लिए जरूरी सभी सॉफ्टवेयर टूल्स (कंपाइलर, IDE, सिमुलेटर आदि) भी इसरो ने खुद ही विकसित किए हैं।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ी उपलब्धि
‘विक्रम’ के लॉन्च के साथ भारत न सिर्फ सेमीकंडक्टर तकनीक में आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत कदम बढ़ा रहा है, बल्कि भविष्य में अंतरिक्ष मिशनों और उच्च स्तरीय वैज्ञानिक अनुसंधानों में भी अपनी तकनीकी ताकत को साबित करेगा।
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