Sharadi Navratri 2025 Maa Kalaratri. आज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है. आज माता के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा होगी. मंदिरों में विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे. देश के कई मंदिरों में आज महानिशा पूजन किया जाता है. आज का दिन मां भगवती के कालरात्रि (मां काली) को समर्पित होता है. देश समेत प्रदेश के देवी मंदिरों में भी नवरात्रि की धूम मची हुई है. मंदिरों में मां के भक्तों का तांता लगा हुआ है. रोज देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा हो रही है. आज सप्तमी के अवसर पर कैसरबाग स्थित श्री बड़ी काली मंदिर में भी विशेष अनुष्ठान किया जाएगा.

बता दें कि राजधानी के कैसरबाग में स्थित काली बाड़ी मंदिर की एक विशेषता है कि यहां पर पशु बलि का विधान नहीं है. ये मंदिर बंगाली परंपरा के अनुसार सिद्ध पीठ के रूप में विराजमान है. जिसका निर्माण अगस्त, 1863 में कराया गया था. मंदिर की स्थापना करीब 160 पहले की गई थी. बतातें है कि मां काली के भक्त मधुसूदन बनर्जी ने सपने में मां के आदेश के बाद उन्होंने खुद ही एक मिट्टी की प्रतिमा तैयार की. इसे ही उन्होंने स्थापित किया. बताया जाता है कि यहां देवी को सांप, नेवला, वानर, एक पक्षी समेत कुल पांच जीवों के मुंडों की आधारशिला पर स्थापित किया गया था.

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बलि की अनोखी प्रथा

एक समय में इस मंदिर में बलि दी जाती थी. शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि को परंपरागत रूप से मंदिर में जीवित बलि की परंपरा थी. जो कि लंबे समय तक चली. लेकिन अब लंबे अरसे से यहां पशु बलि पूरी तरह से वर्जित है. अब महानवमी पर यहां हवन पूजन के बाद जीवित बलि की जगह पंच फलों की बलि मां को अर्पित की जाती है.

ढाक वादन की प्रतियोगिता

इस मंदिर में हर बांग्ला उत्सव के दौरान आयोजन होते हैं. विशेषकर दुर्गा पूजा के दौरान केवल इसी मंदिर में ढाक वादन की प्रतियोगिता भी होती है. जो कि आकर्षण का केंद्र होती है. इसमें कई ढाकियों के दल ढाक वादन करते हैं. इस मंदिर का संचालन ट्रस्ट द्वारा किया जाता है. वर्तमान में यहां पर तीन पुजारी मां की सेवा में हैं.