जैसलमेर. राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार को हुए भयानक बस अग्निकांड में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में जान गंवाने वालों में भारतीय सेना के जवान महेंद्र मेघवाल और उनका परिवार भी शामिल हैं, जो दिवाली की छुट्टियों पर अपने परिवार के साथ घर लौट रहे थे। इस हादसे पर आज सरकार ने एक्शन लिया है। बस बॉडी को अप्रूव करने वाले चित्तौड़गढ़ के कार्यवाहक डीटीओ सुरेंद्र सिंह और सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नी लाल को सरकार ने सस्पेंड कर दिया है।
हादसे के बाद जब प्रशासन ने बस से जुड़ी जानकारी जुटाई तो खुलासा हुआ कि यह बस चित्तौड़गढ़ जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) कार्यालय में पंजीकृत थी। जांच में सामने आया कि बस मालिक ने नियमों की अनदेखी करते हुए नॉन एसी को एसी बस में मॉडिफाई करवा लिया था, जिसकी भनक परिवहन विभाग को भी नहीं लगी। एसीबी की ओर से भी मामले की जांच की जाएगी।

मंगलवार देर रात पहली FIR दर्ज हुई। हादसे का शिकार हुए पत्रकार राजेंद्र चौहान के भाई ने बस मालिक और ड्राइवर के खिलाफ जैसलमेर के सदर थाने में केस दर्ज कराया। अग्निकांड में मृतकों की संख्या 21 हो गई है। हादसे में झुलसे 10 साल के यूनुस ने बुधवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। महात्मा गांधी हॉस्पिटल के अनुसार 4 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।
एक परिवार ही परिवार के पांच लोगों की मौत
बता दें कि जैसलमेर से जोधपुर जा रही प्राइवेट AC स्लीपर बस में मंगलवार दोपहर 3.30 बजे आग लग गई थी। इस हादसे में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। हादसे में जान गंवाने वालों में भारतीय सेना के जवान महेंद्र मेघवाल भी शामिल हैं, जो दिवाली की छुट्टियों पर अपने परिवार के साथ घर लौट रहे थे। 35 वर्षीय महेंद्र मेघवाल सेना के आयुध डिपो में तैनात थे और अपनी पत्नी पार्वती, दो बेटियों और एक बेटे के साथ डेचू के पास स्थित लवारन गांव जा रहे थे। इसी दौरान बस में आग लग गई और सभी की मौत हो गई।
शवों की पहचान के लिए लिए जा रहे DNA सैंपल
हादसे में मारे गए लोगों के शवों की पहचान के लिए जोधपुर और जैसलमेर के हॉस्पिटल में डीएनए सैंपल लिए जा रहे है। सैंपल कलेक्शन के प्रोसेस में देरी को लेकर लोगों ने नाराजगी जताई है। इस पर हॉस्पिटल अधीक्षक ने कहा कि वैरिफिकेशन में थोड़ा समय लगता है, ताकि कोई गलती न हो। अधिकतम 24 घंटे में शवों की पहचान की प्रोसेस पूरी हो जाएगी।
पीएम मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान
इस हादसे पर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा था कि बस में निकासी के लिए सिर्फ एक ही दरवाजा था, जिसके कारण लोग बाहर नहीं निकल पाए। यह त्रासदी बस सुरक्षा मानकों के घोर उल्लंघन पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है। इस मामले में जहां मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घायलों से मुलाकात कर जांच के आदेश दिए थे। सरकार ने बस बॉडी को अप्रूव करने वाले चित्तौड़गढ़ के कार्यवाहक डीटीओ सुरेंद्र सिंह और सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नी लाल को सस्पेंड भी कर दिया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है।