लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “लोकल फॉर ग्लोबल” के मंत्र और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आज तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है. अब इसकी गूंज वैश्विक स्तर पर सुनाई दे रही है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश डिजाइन एवं शोध संस्थान, लखनऊ में रविवार को सेंट्रल एवं दक्षिणी अमेरिकी देशों तथा कैरेबियन द्वीप समूहों के लगभग 47 सदस्यीय विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने भ्रमण किया. इस प्रतिनिधिमंडल में डिजाइन, शिक्षा, कला और फैशन उद्योग से जुड़े अनेक अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल थे.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा चुका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में संचालित “विश्वकर्मा श्रम सम्मान” एवं “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी)” जैसी योजनाओं ने प्रदेश के लाखों कारीगरों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया है.
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प्रदेश की पारंपरिक कलाओं का लाइव प्रदर्शन
भ्रमण के दौरान संस्थान की ओर से पारंपरिक भारतीय कला एवं हस्तशिल्प पर आधारित विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शनी में बोन कार्विंग, जरी-जरदोजी, चिकनकारी, बाटिक प्रिंटिंग, ब्लॉक प्रिंटिंग, टेराकोटा और लोक कलाओं का लाइव प्रदर्शन किया गया. प्रसिद्ध शिल्पगुरु माधुरी मिश्रा (बाटिक प्रिंटिंग), राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता जलालुद्दीन (बोन कार्विंग), राज्य पुरस्कार विजेता अकील अख्तर (बोन कार्विंग) और विनोद मिश्रा (बाटिक प्रिंटिंग) सहित कई कुशल शिल्पकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया. विदेशी अतिथियों ने भारतीय शिल्प की बारीकियों को नजदीक से देखा और सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के शिल्पकारों की निपुणता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रेरणादायक है.
पुस्तकालय और म्यूजियम का भी किया अवलोकन
प्रतिनिधियों ने संस्थान के पुस्तकालय और म्यूजियम का भी अवलोकन किया, जहां डिजाइन, कला और फैशन से जुड़ी 100 से 150 वर्ष पुरानी दुर्लभ पुस्तकें एवं कलाकृतियां संरक्षित हैं. इसके अलावा उन्होंने ओडीओपी उत्पादों की आर्ट गैलरी एवं डिजाइन स्टूडियो का भी दौरा किया, जहां संस्थान में प्रशिक्षित लाभार्थियों द्वारा तैयार उत्पाद प्रदर्शित किए गए थे. विदेशी विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों के रचनात्मक कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत की पारंपरिक कला और फैशन इंडस्ट्री में अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान कार्यक्रम विश्व स्तर पर डिजाइन नवाचार को नई दिशा प्रदान करते हैं.
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संस्थान की अध्यक्ष क्षिप्रा शुक्ला ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह भ्रमण “अंतरराष्ट्रीय सहयोग, कला आदान-प्रदान और डिजाइन शिक्षा में साझेदारी” को प्रोत्साहन देगा. उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से प्रदेश की पारंपरिक हस्तशिल्प परंपरा को वैश्विक पहचान मिलेगी और प्रधानमंत्री के “लोकल फॉर ग्लोबल” विजन को साकार किया जा सकेगा.
इन देशों के प्रतिनिधि रहे शामिल
प्रतिनिधिमंडल में कई देशों के प्रतिनिधि शामिल रहे. इनमें एंटीगुआ एंड बरबूडा, अर्जेंटीना, बहामास, बारबाडोस, ब्राज़ील,कैरीकॉम सेक्रेटेरिएट, कोलंबिया,त्रिनिदाद एवं टोबैगो, कॉमनवेल्थ ऑफ डोमिनिका, कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिकन रिपब्लिक, एल साल्वाडोर, गुयाना, हैती, होंडुरास, जमैका, पनामा, पैराग्वे, पेरु, सूरीनाम, सेंट किड्स एंड नेविस और वेनेजुएला के प्रतिनिधि शामिल रहे.
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