रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में नवाचार, स्टार्टअप संस्कृति और युवाओं के उद्यमशील विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल की गई है। राज्य शासन के वित्त विभाग ने छात्र स्टार्टअप एवं नवाचार नीति (SSIP) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 5 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। यह राशि विभागीय बजट में पूर्व से प्रावधानित थी, जिसे चालू वित्तीय वर्ष में व्यय किए जाने की अनुमति दी गई है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं की प्रतिभा, नवाचार और उद्यमशील सोच को सशक्त करने के लिए निरंतर ठोस कदम उठा रही है। छात्र स्टार्टअप एवं नवाचार नीति (SSIP) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 5 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस निवेश से छात्रों और नवप्रवर्तकों को अपने नवाचारों को व्यावहारिक उद्यम में बदलने का अवसर मिलेगा, जिससे छत्तीसगढ़ में नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार सृजन को नई गति प्राप्त होगी।

नवाचार एवं उद्यमिता का सशक्त केंद्र बनेगा छत्तीसगढ़ : ओपी चौधरी
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार का स्पष्ट विजन है कि छत्तीसगढ़ को नवाचार एवं उद्यमिता का सशक्त केंद्र बनाया जाए। छात्र स्टार्टअप एवं नवाचार नीति के लिए 5 करोड़ रुपये की यह स्वीकृति युवाओं के विचारों और क्षमताओं पर सरकार के विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह निवेश छात्रों और नवप्रवर्तकों को अपने नवाचारों को व्यावहारिक उद्यम में परिवर्तित करने का अवसर देगा, जिससे न केवल नए स्टार्टअप्स विकसित होंगे, बल्कि राज्य में रोजगार सृजन को भी नई गति मिलेगी।
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) की होगी व्यवस्था
स्वीकृत बजट के अंतर्गत i-Hub छत्तीसगढ़ के सुचारु संचालन के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) की व्यवस्था की जाएगी। इसके माध्यम से राज्यभर में स्टार्टअप गतिविधियों की प्रभावी मॉनिटरिंग, रिपोर्टिंग, वित्तीय प्रबंधन एवं विभिन्न शैक्षणिक एवं नवाचार संस्थानों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही राज्य स्तरीय हैकाथॉन, आइडियाथॉन, इनोवेशन कैंप, स्टार्टअप मीटिंग्स और नवाचार जागरूकता अभियानों का आयोजन किया जाएगा।
नीति के अंतर्गत छात्रों एवं नवप्रवर्तकों के विचारों को अवधारणा से प्रोटोटाइप तक पहुंचाने के लिए कॉन्सेप्ट वैलिडेशन के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इससे प्रारंभिक परीक्षण, अध्ययन, डिजाइन, तकनीकी सेवाएं तथा विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्राप्त करना संभव होगा। इसके अतिरिक्त, चयनित स्टार्टअप्स को सीड ग्रांट के माध्यम से बाजार सत्यापन, उत्पाद विकास, कानूनी एवं तकनीकी सहयोग तथा प्रारंभिक विपणन के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। छात्र स्टार्टअप एवं नवाचार नीति में बौद्धिक संपदा संरक्षण को भी विशेष प्राथमिकता दी गई है। इसके तहत पेटेंट, कॉपीराइट, डिजाइन एवं ट्रेडमार्क फाइलिंग के लिए तकनीकी, कानूनी एवं वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे नवाचार सुरक्षित रहेंगे और स्टार्टअप्स को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्राप्त होगी।
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