सुधीर दंडोतिया, भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने मध्य प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला हैं। उन्होंने कहा कि देश में कुपोषण के मामले में मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है। साथ ही उन्होंने पूछा कि आखिर एमपी से कुपोषण का कलंक कब मिटेगा ?

कांग्रेस नेता अरुण यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (X) पर पोस्ट कर लिखा- देश में कुपोषण के मामले में मप्र प्रथम स्थान पर । मप्र में भाजपा की निकम्मी सरकार पिछले 20 वर्षों से कुपोषण मिटाने के नाम पर नेताओं – अधिकारियों की सांठगांठ से अरबों रुपये का बंदरबांट कर चुकी है, साथ ही पोषण आहार में नए नए तरीके से घोटाले किये गए है, घोटालेबाजों पर अभी तक सरकार ने कोई कठोर कार्यवाही नहीं की है । आखिर मप्र से कुपोषण का कलंक कब मिटेगा ?

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दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा संचालित पोषण ट्रैकर की जून 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश की 97 हजार 135 आंगनबाड़ी में 6 साल तक के पंजीकृत 65 लाख 99 हजार बच्चों में से करीब 40% यानी 26 लाख बच्चे बौने या मध्यम बौने कैटेगरी में हैं। वहीं 27 फीसदी बच्चे कम वजन के पाए गए हैं। कम वजन वाले बच्चों की संख्या में 3 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

रकम बढ़ाने जा रही सरकार

मध्य प्रदेश को मिलने वाली पोषण आहार की राशि केंद्र सरकार बढ़ाने जा रही है। राज्य सरकार ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए राशि बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। 6 माह से 6 साल तक के बच्चे, गर्भवती, अति कम वजन के बच्चों को प्रति हितग्राही प्रतिदिन पूरक पोषण आहार दिया जाता है। प्रति बच्चे पर पोषण आहार के लिए 8 से 12 रुपए तक खर्च होता है। इस वजह से राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा था और मांग की थी कि प्रति बच्चे पर मिलने वाली राशि को 12 रुपए की जगह 18 रुपए किया जाए। 

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