रायपुर। नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने आरोप लगाया कि खरीफ सीजन 2023 में की गई रिकॉर्ड धान खरीदी के रख-रखाव और उठाव में सरकार की लापरवाही से 1 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. उन्होंने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करने की बात कही. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे ढूंढना चाहिए, जो काम कर सके. इसे भी पढ़ें : केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिए स्वीकृत किए 8 लाख 47 हजार पीएम आवास, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने खुशी जताते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर मढ़ा संगीन आरोप…

नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने आज राजीव भवन में प्रेसवार्ता में जिलेवार आंकड़े जारी कर कहा कि 2023 में रिकॉर्ड 1 लाख 44 हजार से अधिक मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी. लेकिन राज्य सरकार द्वारा धान की इस मात्रा के भंडारण, मीलिंग तथा चावल के उपार्जन एवं भंडारण की कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई. इसका दुष्परिणाम यह हुआ है कि 2 सितंबर 2024 की स्थिति में धान खरीदी केन्द्रों से 4 लाख 16 हजार 410 क्विंटल धान और संग्रहण केन्द्रों से 21 लाख 77 हजार 470 क्विंटल धान का उठाव नहीं किया जा सका है.

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि खरीदी केन्द्रों में शेष नजर आ रहा 4 लाख 16 हजार 410 क्विंटल धान पूरी तरह से नष्ट हो चुका है. इस धान की कुल लागत 166 करोड़ 56 लाख रुपए होती है. इसी तरह से संग्रहण केन्द्रों में शेष धान 21 लाख 77 हजार 470 क्विंटल की कुल लागत 870 करोड़ 99 लाख रुपए होती है, इसमें से भी अधिकांश धान पानी से डैमेज हो चुका है, इसलिए कस्टम मीलिंग के लिए राईस मिलर्स इसका उठाव नहीं कर रहे हैं. कुल मिलाकर 1 हजार 37 करोड़ 55 लाख रुपए का धान खराब हुआ है.

उप मुख्यमंत्री ने कसा तंज

नेताप्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत के आरोप को डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने निराधार करार देते हुए कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे ढूंढना चाहिए, जो काम कर सके. उन्होंने कहा कि विष्णु देव साय की सरकार का साल नहीं बीता है, और एक-एक चीज पूरा करने वाली है. आवास का एक विषय जो रह गया था, वह आज पूरा हो गया है.