हमारे देश में कई प्राचीन और धार्मिक मंदिर है, जहां से लोगों की अलग-अलग मान्यता और आस्था जुड़ी है. सनातन धर्म के अनुरूप प्रकृति में हर एक चीज पूजनीय है वायु, जल, जमीन, नदी, समुद्र, सूरज वृक्ष सभी का महत्व है. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि देश में ऐसे कुछ मंदिर हैं जहां राक्षसों के पूजा की जाती है. भारत में ऐसे 5 मंदिर है जहां भगवान की नहीं बल्कि राक्षसों की पूजा की जाती है.

बता दें कि भारत में ऐसे 5 मंदिर मंदिरों में देवताओं की नहीं दानवों की पूजा करने की मान्यता है. जिसका लोग अनुसरण कर रहे हैं. कहते हैं कि मंदिरों में देवताओं का वास होता है. लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां दानवों की पूजा की जाती है. आखिर क्यों इन मंदिरों में दानव का वास और राक्षसों की पूजा होता हैं. साथ ही क्यों लोग देवताओं को पूजते है. इन सभी बातों का जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेगा. Read More – Anant Ambani और Radhika Merchant की शादी की रस्में हुईं शुरू, मामेरु रस्म में दिखा पूरा परिवार ...

आइए जानें देश में कहां-कहां हैं ऐसे मंदिर…

दशानन मंदिर (Dashanan Mandir)

कानपुर के दशानन मंदिर (Dashanan Mandir) में राक्षस रावण की पूजा की जाती है. यह मंदिर 125 वर्ष प्राचीन है. यह मंदिर रामायण के रावण को समर्पित है. इस मंदिर के पीछे ये मान्यता है कि रावण एक बुद्धिमान ज्ञानी ब्राह्मण था और साथ ही महादेव का बहुत बड़ा भक्त भी इसलिए शिवाला इलाके में महादेव के मंदिर परिसर में ही रावण को समर्पित मंदिर बनाया गया.

शकुनी मंदिर (Shakuni Mandir)

ये हम सब जानते है कि महाभारत में जिस कारण पांडवों को वनवास और अज्ञातवास मिला था. वह शकुनी ही थे, वे हमेशा से नकारात्मक प्रवृति ही अपनाए. जिस कारण शकुनी की गिनती दानव में की जाती हैं. शकुनी का एक मंदिर भारत के केरल राज्य में है. मलानाडा मालदेव मंदिर बहुत प्राचीन है.

पूतना मंदिर (Putna Mandir)

उत्तर प्रदेश के गोकुल में पूतना राक्षसी को भी समर्पित महावन मंदिर है. जिसने कृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाकर मारने का प्रयास किया था. इस मंदिर में पूतना का श्री कृष्ण को दूध पिलाते लेटी हुई प्रतिम स्थापित है. जिसकी पूजा की जाती है. मंदिर की ये मान्यता है कि मरने के मकसद से ही सही पर पूतना ने मां के रूप में श्रीकृष्ण को दूध पिलाया था. वे मां तुल्य हुई. इसलिए उन्हें पूजा जाता है. Read More – Indias Best Dancer 4 के मंच पर Urfi Javed ने लगाई आग, Terence Lewis के साथ मारे लटके झटके …

अहिरावण मंदिर (Ahiravan Mandir)

उत्तर प्रदेश के झांसी शहर में रावण के भाई अहिरावण का पंचकुइया मंदिर है. अहिरावण को रावण के भाई के रूप में जाना जाता है. यह मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना है. इस मंदिर में भगवान हनुमान के साथ अहिरावण और उसका भाई माहिरवण की भी पूजा की जाती है.

दुर्योधन मंदिर (Duryodhan Mandir)

इस मंदिर को मालंदा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. दुर्योधन मंदिर में महाभारत के मुख्य चरित्र दुर्योधन की पूजा की जाती हैं, यह मंदिर शकुनी मंदिर के निकट में ही स्थित है. पूजा के दौरान इस मंदिर में अर्क, सुपारी और लाल कपड़ा चढ़ाया जाता है.