पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जिले के मैनपुर स्थित पीपल खुंटा मिडिल स्कूल में 23 बच्चों के मध्यान्ह भोजन करने के बाद बीमार पड़ने की घटना को 24 घंटे नहीं बीते कि अब जिले के आंगनबाड़ी केंद्र में पोहा खाकर बच्चों के बीमार होने की खबर सामने आ गई. बीमार पड़े बच्चों में से एक का अब भी देवभोग के अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस बीच दहशतजदा पालकों ने अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र भेजना बंद कर दिया है. इसे भी पढ़ें : Swine Flu in CG : स्वाइन फ्लू से एक और महिला की मौत, बिलासपुर में अब तक 6 मरीजों की जा चुकी है जान

फूड पॉयजनिंग का मामला सुपेबेड़ा के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 3 में 25 से भी ज्यादा बच्चों का नाम दर्ज है, लेकिन आते केवल 3 थे. 3 सितंबर को भी आए तीनों बच्चों को सुबह 10 बजे सहायिका ने पोहा खिलाया. 11 बजते तक बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगा. बच्चों की हालत देख बच्चों को सुपेबेड़ा अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद बच्चों को ओडिसा के धर्मगढ़ स्थित अस्पताल ले गए.

स्वस्थ होने के बाद 4 सितंबर को बच्चों को घर ले आए, लेकिन देर रात ढाई साल की हेम प्रिया की तबियत फिर खराब हो गई, जिसका देवभोग के अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. देवभोग बीएमओ डॉक्टर प्रकाश साहू ने बताया कि हेम प्रिया को भर्ती कर उचित उपचार किया जा रहा है. बच्ची को तेज फीवर है. आरंभिक उपचार के बाद खून की भी जांच की जाएगी.

केंद्र आना बच्चों का आना हुआ बंद

ग्रामीण त्रिलोचन सोनवानी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. निगरानी करने वाला कोई नहीं है. केंद्र 3 में महीनों से ज्यादातर बच्चे नहीं आ रहे हैं, लेकिन सभी का भोजन खर्च दिखाया जा रहा है. बावजूद इसके गिनती के तीन-चार बच्चों को भी संभाल नहीं पा रहे. 3 सितंबर की घटना के बाद से अब केंद्र में एक भी बच्चा नहीं जा रहा है. मामले में प्रभारी परियोजना अधिकारी दीपा शाह ने कहा कि मामले की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करेंगे.