कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में ग्वालियर के अटल बिहारी वाजपेयी दिव्यांग खेल प्रशिक्षण केंद्र में 8वीं नेशनल व्हील चेयर बास्केटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन हो रहा है। जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से दिव्यांग बास्केटबॉल खिलाड़ी शामिल हुए हैं। लेकिन इस चैंपियनशिप में दिव्यांग खिलाड़ियों के हौंसले के साथ ही सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र 11वीं क्लास में पढ़ने वाले एक छात्र द्वारा तैयार की गई स्पोर्ट डिवाइस है।

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व्हीलचेयर बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया की निगरानी में ग्वालियर में 8वीं नेशनल व्हीलचेयर बास्केटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन हुआ है। इस चैंपियनशिप में दिव्यांग खिलाड़ियों के जज्बे को देख हर कोई हैरान है। चेम्पियनशिप का शुभारंभ हुआ तो इस दौरान सबसे ज्यादा चर्चा का विषय और आकर्षण का केंद्र 11वीं क्लास में पढ़ने वाले कविश अग्रवाल के द्वारा तैयार की गई स्पोर्ट डिवाइस बनी। जो इन दिव्यांग खिलाड़ियों के खेल को और बेहतर बनाने में मददगार साबित हो रही है।

कविश के द्वारा तैयार की गई वायरलेस स्पोर्ट डिवाइस को फेडरेशन की अनुमति के बाद उपयोग में लिया गया है। आइए सबसे पहले आपको बताते हैं कि यह अनोखी डिवाइस व्हीलचेयर खिलाड़ियों से जुड़ी क्या-क्या जानकारी देती है, जिसके जरिए उनका खेल बेहतर होता है और वह स्पोर्ट इंजरी से बच सकते हैं।

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  • डिवाइस, दिव्यांग खिलाड़ियों के शरीर से संबंधित महत्वपूर्ण आंकड़ों को ट्रैक करता है।
  • यह डिवाइस हार्ट रेट, कैलोरी बर्न,शरीर का तापमान और ब्लड ऑक्सीजन लेवल जैसी जानकारीयो को मॉनिटर करता है।
  • दिव्यांग खिलाड़ी द्वारा व्हीलचेयर को चलाने और इस दौरान स्पॉट एक्टिविटी में कितनी ऊर्जा खर्च की है यह भी मापती है।
  • सभी महत्वपूर्ण जानकारी के जरिए खिलाड़ियों के कोच उनके सपोर्ट एबिलिटी को और मजबूत कर पाते हैं।
  • आंकड़ों के आधार पर स्पोर्ट इंजरी को पहले ही भांप लिया जाता है और उस पर वर्कआउट कर खिलाड़ी हमेशा मैदान में उतरने के लिए तैयार रहता है।
  • डिवाइस को प्रैक्टिस और खेल के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है।

11वीं के छात्र ने बनाई ये डिवाइस


नोएडा के प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले 11वीं क्लास के छात्र कविश अग्रवाल के द्वारा यह अनोखी डिवाइस तैयार की गई है। कविश का कहना है कि “डिसेबिलिटी इज न्यू एबिलिटी”, इसी सोच के साथ इस डिवाइस को तैयार किया है। जिसका फोर्थ प्रोटोटाइप वर्क चल रहा है। यह डिवाइस हमारे देश को एक कदम और आगे ले जा रही है। इसके जरिए पैरालंपिक में हमारे देश के दिव्यांग खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन के साथ मेडल हासिल कर सकेंगे।

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एथलीट डेवलपमेंट के लिए की गई तैयार


यह डिवाइस एथलीट डेवलपमेंट के लिए तैयार किया गया है। इस डिवाइस की मॉनिटरिंग के जरिए एक हेल्थ रिपोर्ट तैयार होती है। जिसके माध्यम से एक बेहतर दिव्यांग एथलीट और खिलाड़ी तैयार किया जाता है। वर्तमान में इसे बनाने में 14000 के आसपास अनुमानित खर्च आ रहा है। लेकिन यदि इसे इंडस्ट्रियल लेवल बनाया जाएगा तो उसकी कास्ट में 50% से भी ज्यादा की कमी आ सकती है।

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सपोर्ट एबिलिटी को और बनाएगी बेहतर


व्हीलचेयर बास्केटबॉल खिलाड़ियों का भी मानना है कि कविश के द्वारा तैयार की गई डिवाइस उनकी सपोर्ट एबिलिटी को और बेहतर बना रही है। उनके बहुत से साथी खिलाड़ियों को समय से पहले सपोर्ट इंजरी से जुड़ा अलार्म अलर्ट मिला,जिसके चलते उसे पर वर्कआउट करके आज भी वह बेहतर परफॉर्मेंस दे रहे हैं।

गौरतलब है कि कविश के द्वारा तैयार की गई यह डिवाइस इस बात को सार्थक कर रही है की यदि समाज के लिए कुछ बेहतर करने का जुनून हो तो फिर उम्र और शिक्षा कभी बाधक नहीं बनती है। उम्मीद हैं कि कविश के द्वारा तैयार की गई यह डिवाइस भविष्य में होने वाले पैरालंपिक में भारत को मेडल दिलाने में जरूर महत्वपूर्ण रोल अदा करेगी।

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