राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सदस्यता अभियान का आज आखिरी दिन है। पहले चरण का अभियान खत्म होने के बाद संगठन ने टारगेट बढ़ाया था। बताया जाता है कि दूसरे चरण में संगठन द्वारा दिए गए टारगेट पूरा नहीं हो पाया है। वहीं पार्टी ने संगठन में पदाधिकारी बनने के लिए नई रणनीति बनाई है। पहले की तरह मंत्री या विधायक की अनुशंसा पर कोई भी व्यक्ति पदाधिकारी नहीं बन सकता है।

10 नवंबर से संगठन चुनाव

नई रणनीति के तहत अब मंत्री और विधायक भी पदाधिकारी नहीं बनवा सकेंगे। संगठन चुनाव को लेकर बीजेपी की रणनीति बनी है। अब सिर्फ काम करने वालों को ही मौका दिया जाएगा। सिफारिश के आधार पर संगठन में पद नहीं दिए जाएंगे। इसके लिए संगठन बैठकों में स्पष्ट निर्देश दे रहा है। 10 नवंबर से संगठन चुनाव की शुरुआत होगी। बीजेपी में अब सक्रिय सदस्यता अभियान की तैयारी होगी। कम से कम 100 सदस्य बनाने वाले ही सक्रिय सदस्य बन सकेंगे। बीजेपी सदस्यता अभियान का आखिरी दिन आज है। पहले चरण (फेस) के बाद बढ़ाए गए 2 करोड़ के टारगेट से बीजेपी दूर है। मध्यप्रदेश में 1 करोड़ 50 लाख के करीब बीजेपी की सदस्यता पहुंची है। प्रदेश के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन और छिंदवाड़ा अव्वल है वहीं सिंगरौली, देवास, टीकमगढ़, नरसिंहपुर, उदयपुरा, गरोठ, चौरई, अमरपाटन, बदनावर और विजयराघोगढ़ टारगेट से सबसे ज्यादा पीछे है।

सिफारिश करने जैसी कोई परंपरा नहीं

इस मामले में बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का कहना है कि पार्टी में हमेशा काम करने वाले कार्यकर्ताओं को तवज्जों मिलती है। आगे भी काम करने वाले कार्यकर्ताओं को ही पद मिलेंगे। बीजेपी में सिफारिश करने जैसी कोई परंपरा नहीं है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बारोलिया कहा है कि बिना सिफारिश बीजेपी में कुछ नहीं होता। काम करने वाले कार्यकर्ता काम ही करते रह जाएंगे और सिफारिश वाले पद पा जाएंगे।

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