वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। बिलासपुर निगम सीमा में शामिल खमतराई के लगभग 11 एकड़ शासकीय भूमि में 94 लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. मामले का खुलासा प्रशासन द्वारा जांच कराने पर हुआ. जांच में पता चला कि उसी सरकारी भूमि में अवैध रूप से रहने वाले मणिशंकर त्यागी ने अन्य लोगों को सरकारी जमीन टुकड़े में बेच दिया है. जांच के बाद अब प्रशासन ने मामले में 8 जमीन दलालों के खिलाफ एफआईआर कराया है. मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इधर निगम के अतिक्रमण दस्ते ने तोड़फोड़ की कार्रवाई भी शुरू कर दी है.

साल 2019 नगरीय निकाय चुनाव से ठीक पहले खमतराई ग्राम पंचायत को बिलासपुर नगर निगम की सीमा में शामिल किया गया. इससे पहले और बाद में धीरे-धीरे कर यहां 11 एकड़ शासकीय भूमि पर 94 लोगों ने अतिक्रमण कर मकान और दुकान बना लिया. साथ ही ब्राम्हण समाज को आवंटित दो एकड़ सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर लिया गया. समाज के लोगों ने इसकी शिकायत निगम कमिश्नर अमित कुमार से की. जिस पर एसडीएम पीयूष तिवारी ने मामले की जांच कराई, तो पता चला कि मणिशंकर त्यागी नाम के व्यक्ति ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर दुकान बना ली है.

राजस्व अधिकारियों की जांच में चला कि मणिशंकर त्यागी ने 11 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा किया. इसके बाद उसने 10 रुपये के स्टाम्प में 94 लोगों को टुकड़े कर प्लाट बेच दिए. जांच के बाद निगम कमिश्नर अमित कुमार और जिला प्रशासन की टीम ने अवैध निर्माण को ढहाने के निर्देश दिए. इस पर दो दिन पहले रविवार को अतिक्रमण विभाग और जोन क्रमांक 7 की टीम ने खमतराई के वार्ड क्रमांक 58 काली मंदिर के पास बिना अनुमति के वाणिज्यिक और आवासीय निर्माण कराने वाले मणिशंकर त्यागी की चार दुकानों और मकान को बुलडोजर से ढहा दिया. इस मामले में पहले मणिशंकर त्यागी को जमीन और निर्माण संबंधी दस्तावेज पेश करने के लिए नोटिस दिया. समय सीमा के भीतर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर कार्रवाई की गई.

इस मामले में प्रशासन ने 8 लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है, जिसमें से पुलिस ने शरद यादव निवासी चांटीडीह, संजय जायसवाल चांटीडीह, मधुसूदन राव कुदूदण्ड, श्रीनिवास राव, कुदूदण्ड, परमेश्वर सूर्यवंशी खमतराई, सुक्रीता बाई सूर्यवंशी खमतराई को गिरफ्तार किया है.