हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में हाउस अरेस्ट के नाम पर वीडियो कॉल के जरिए लोगों से ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अपराधी लोगों को वीडियो कॉल कर उनकी जान-पहचान के लोगों की गिरफ्तारी का झूठा दावा करते हैं और डरा कर उनसे बड़ी रकम वसूलते हैं। ताजा घटनाओं में एक ट्रांसपोर्ट संचालक और अनाज व्यापारी से लाखों की ठगी की गई है। आइए इन घटनाओं पर विस्तार से नज़र डालते हैं।

पहला मामला: अनाज व्यापारी से ठगी

पहली घटना में शहर के एक अनाज व्यापारी को ठगों ने निशाना बनाया। व्यापारी के पास एक अज्ञात फोन आया, जिसमें उसे बताया गया कि उसका दामाद पुलिस की गिरफ्त में है और उसे छुड़ाने के लिए तुरंत पैसे भेजने होंगे। कॉल पर एक व्यक्ति ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और व्यापारी को झूठी गिरफ्तारी की बात समझाई। अपराधियों ने व्यापारी को वीडियो कॉल पर धमकी दी और उसे घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई, ताकि वह हाउस अरेस्ट के डर में फंस जाए।

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व्यापारी को इतनी हड़बड़ी में झांसे में लिया गया कि उसने बिना किसी जांच-पड़ताल के एक लाख रुपये आरोपियों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। जब व्यापारी को अपनी ठगी का अहसास हुआ तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया। लेकिन जैसे ही अपराधियों को इसकी भनक लगी, उन्होंने दोबारा व्यापारी को फोन कर उसे धमकाया कि शिकायत वापस ले ले, वरना उसे और भी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। ठगों ने उसे भरोसा दिलाया कि अगर वह शिकायत वापस लेगा तो उसकी दी गई रकम भी लौटा दी जाएगी। लेकिन व्यापारी ने इस बार समझदारी दिखाते हुए पुलिस को पूरा मामला बताने का निर्णय लिया।

दूसरा मामला: ट्रांसपोर्ट संचालक से ठगी

इसी तरह का एक और मामला इंदौर के एक ट्रांसपोर्ट संचालक के साथ हुआ। इस बार अपराधियों ने उसके बेटे के नाम का सहारा लिया, जो बेंगलुरु में वैज्ञानिक के तौर पर कार्यरत है। ट्रांसपोर्ट संचालक को फोन कर बताया गया कि उसके बेटे को पुलिस ने गंभीर आरोपों में गिरफ्तार कर लिया है। इतना ही नहीं अपराधियों ने कॉल पर उसके बेटे की रोती हुई आवाज भी सुनाई, जिससे संचालक घबरा गया। इस स्थिति का फायदा उठाते हुए ठगों ने उससे तुरंत 50 हजार रुपये की मांग की, जो उसने जल्दबाजी में आरोपियों के खाते में ट्रांसफर कर दिए।

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ठगों ने इस बार भी वीडियो कॉल का इस्तेमाल किया, ताकि संचालक को भ्रम हो कि वह सीधे अधिकारियों से बात कर रहा है। बेटे की गिरफ्तारी का झूठा डर दिखाकर ठगों ने उसे मानसिक रूप से इतना प्रभावित किया कि उसने पैसे भेजने में एक पल भी देर नहीं की। बाद में संचालक को जब इस धोखाधड़ी का अहसास हुआ, तो उसने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई।

ठगी का तरीका: वीडियो कॉल और हाउस अरेस्ट का डर

इन दोनों मामलों में अपराधियों ने वीडियो कॉल के जरिए हाउस अरेस्ट का भ्रम पैदा किया। लोगों के साथ ऐसा माहौल तैयार किया गया कि उन्हें लगा कि उनकी कोई मदद नहीं कर सकता और वे पूरी तरह ठगों की बात मानने पर मजबूर हो गए। वीडियो कॉल के जरिए अपराधी लोगों को उनकी पारिवारिक समस्याओं का लाभ उठाकर डराते हैं और उन्हें घर में ही बंद रहने की सलाह देते हैं। यह एक नई और खतरनाक तरीके की ठगी है। जिसमें अपराधी न केवल पैसों की ठगी करते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी पीड़ित को परेशान करते हैं।

लल्लूराम डॉट कॉम का खुलासा

लल्लूराम डॉट कॉम (Lalluram.com) के खुफिया कैमरे में दोनों पीड़ितों के बयान रिकॉर्ड किए गए। जिसमें उन्होंने बताया कि ठगी का यह पूरा मामला कैसे अंजाम दिया गया। पीड़ितों ने कैमरे पर खुलासा किया कि अपराधी किस तरह से उन्हें धमका रहे थे और कैसे उन्होंने इस ठगी को अंजाम दिया। इन रिकॉर्डिंग्स से पता चलता है कि ठगों ने पूरी योजना के साथ इन घटनाओं को अंजाम दिया और पीड़ितों को पूरी तरह से मानसिक तनाव में डाल दिया, ताकि वे उनके झांसे में आसानी से आ जाएं।

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इंदौर में बढ़ रही ठगी की घटनाएं

इंदौर में हाउस अरेस्ट के नाम पर ठगी के ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को लूटने का काम कर रहे हैं। पहले भी कई बार लोगों के रिश्तेदारों की गिरफ्तारी का झूठा दावा कर उनसे पैसे ऐंठे गए हैं। अब ठग इस तरह की वीडियो कॉल का सहारा लेकर सीधे पीड़ित के घर में हाउस अरेस्ट का डर पैदा कर रहे हैं। इस तरह के मामलों में लोगों को खासतौर पर सतर्क रहने की जरूरत है और पुलिस से सहायता लेने की सलाह दी जाती है।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने इन मामलों को गंभीरता से लिया है और सभी संबंधित खातों को तत्काल प्रभाव से फ्रीज कर दिया है। इसके अलावा पुलिस अपराधियों का पता लगाने में जुटी हुई है। वहीं क्राइम ब्रांच ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति से आने वाली कॉल्स पर सावधानी बरतें। विशेषकर तब जब कोई पारिवारिक सदस्य की गिरफ्तारी का दावा कर रहा हो। इस तरह की कॉल आने पर पहले पुलिस से संपर्क करना सबसे सही कदम माना जा रहा है।

जागरूकता और सतर्कता जरूरी

इन घटनाओं से साफ है कि ठगों ने लोगों की भावनाओं और उनके पारिवारिक संबंधों का फायदा उठाने का नया तरीका ढूंढ लिया है। खासकर व्यापारी वर्ग को अपने व्यावसायिक संबंधों के कारण अधिक निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में जरूरी है कि लोग इस प्रकार की ठगी से सतर्क रहें और किसी भी अज्ञात व्यक्ति की बातों में न आएं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे जागरूकता रखें और किसी भी प्रकार के मानसिक दबाव में आकर जल्दबाजी में पैसे ट्रांसफर न करें। इंदौर में बढ़ती इस तरह की घटनाओं को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि लोग साइबर क्राइम से जुड़े मामलों के प्रति सजग रहें। पुलिस की गई त्वरित कार्रवाई और मीडिया द्वारा इन मामलों का खुलासा आम लोगों को जागरूक बनाने का प्रयास है।

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