प्रतिक चौहान, रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के दुर्ग रेलवे स्टेशन में सबसे ज्यादा संख्या में अवैध वेंडर सक्रिय हैं। जैसे ही ट्रेन आती है, अचानक अवैध वेंडरों का जत्था दिखने लगता है। ये लोग सामान बेचने में तो मनमानी करते ही हैं, यात्रियों से दुर्व्यवहार भी करते हैं, लेकिन इसमें दिलचस्प बात यह है कि ये अवैध वेंडर्स न तो दुर्ग रेलवे स्टेशन की RPF को और न ही CIB की टीम को नजर आते हैं। हालांकि, जब कोई दूसरी टीम या अधिकारी जांच के लिए दुर्ग रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं तो उन्हें दर्जनों की संख्या में वेंडर्स लोगों को सामान बेचते नजर आ जाते हैं।

रायपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग के अधिकारियों की एक टीम हाल ही में दुर्ग रेलवे स्टेशन पर जांच के लिए पहुंची थी। इस जांच के दौरान टीम ने एक दर्जन से ज्यादा अवैध वेंडरों को रंगे हाथ पकड़ लिया। इस कार्रवाई से यह साबित होता है कि रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरों की अव्यवस्थित गतिविधियों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था। सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए वेंडरों को RPF को सौंपने की तैयारी है, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके, लेकिन यह सवाल उठता है कि जब ये वेंडर इतनी बड़ी संख्या में सक्रिय थे तो फिर RPF और अन्य सुरक्षा एजेंसियां उन्हें क्यों नहीं पकड़ पाई?

रायपुर से लेकर बिलासपुर की RPF टीम सवालों के घेरे में

गौरतलब है कि दुर्ग रेलवे स्टेशन पर इस बड़ी कार्रवाई के बाद रायपुर से लेकर बिलासपुर तक की RPF, CI, CIB और टाफ्ट टीम सवालों के घेरे में आ गई हैं, क्योंकि कई बात शिकायतों के बावजूद यह टीमें अवैध वेंडिंग के खिलाफ की जा रही कार्रवाइयों में पूरी तरह से विफल नजर आ रही हैं।

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