Lalluram Desk. हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं. जिनके चमत्कार हतप्रभ कर देती है. आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारी के बारे में बताएंगे, जहां अविवाहित लोगों की भी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

इस मंदिर को “चुडेल फाई बा” के मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर अहमदाबाद जिले के साणंद तालुका के झाम्पा गांव में स्थित है. जो साणंद से 35 किलोमीटर दूर है. जो लोग विवाह करना चाहते हैं वे इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं, और उनकी इच्छाएं भी पूरी होती है.

दिन के उजाले में जाने से डरते थे लोग

इस मंदिर के इतिहास पर नजर डालें तो कहा जाता है कि 20 साल पहले इस मंदिर के आसपास के इलाके में कोई जाने को भी तैयार नहीं था. ऐसा कहा जाता था कि वहां एक चुड़ैल थी जो लोगों को डराती थी. इस वजह से लोग दिन के उजाले में भी वहां जाने से डरते थे. एक दिन, झाम्पा गांव के आत्मारामभाई ने चुड़ैल को देखा. और बिना किसी डर के वे उसके सामने खड़े हो गये. चुड़ैल और उसके रूप को देखकर उसने उसे अपनी बहन बना लिया.

भाई ने बहन की खातिर बनाया मंदिर

बहन बनाने के बाद चुड़ैल ने उससे कहा कि वह गांव में किसी को न डराए, और आत्माराम भाई ने अपने खेत के बगल में चुड़ैल के लिए एक मंदिर बनवाया. क्योंकि आत्माराम ने चुड़ैल को अपनी बहन बना लिया था, इसलिए गांव वालों ने उसे “चुडेल फाई” कहना भी शुरू कर दिया. और उस मंदिर को “चुडेल फाई बा” मंदिर के नाम से भी जाना जाने लगा. इस मंदिर में लोग विशेष रूप से रविवार और मंगलवार को दर्शन के लिए आते हैं.

कोई घर नहीं ले जा सकता मंदिर का चढ़ावा

जिन लोगों की शादी नहीं हो रही होती वे दूर-दूर से इस मंदिर में आते हैं. इसके अलावा, गर्भवती महिलाएं भी इस मंदिर में आकर प्रार्थना करती हैं. मन्नत पूरी करने के बाद वे मंदिर में आकर देवी को फोटो, साड़ी और श्रंृगार का सामान भी चढ़ाते हैं. इस मंदिर के बारे में यह भी मान्यता है कि मंदिर में चढ़ाई गई साड़ी को कोई भी अपने घर नहीं ले जा सकता. अगर कोई साड़ी ले भी जाए तो उसे शाम तक मंदिर में वापस लौटाना होता है.