चंद्रकांत/बक्सर: केंद्रीय कारा में रह रहे बंदियों को मुख्य धारा से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशासन ने लगातार प्रयास किए हैं. स्थानीय प्रशासन तथा कारा एवं सुधार विभाग द्वारा बंदियों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि वे अपनी सजा पूरी करने के बाद समाज में पुनः स्वीकार्य हो सकें और रोजगार की दिशा में कदम बढ़ा सकें. हाल ही में बक्सर जिला प्रशासन द्वारा एक अहम कदम उठाया गया, जिसमें ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण (आरसेटी) के द्वारा मत्स्य पालन के प्रशिक्षण प्राप्त बंदियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए.
सकारात्मक परिवर्तन लाने में करेगा मदद
इस कार्यक्रम का आयोजन जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की उपस्थिति में किया गया था, जिन्होंने 35 प्रशिक्षित बंदियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए. जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम बन्दियों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने में सहायक साबित होंगे और उनके समाज में पुनः प्रवेश की प्रक्रिया को सरल बनाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से बंदियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त हुआ है, जो उनकी जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करेगा.
रोजगार के मिलेंगे अवसर
आरसेटी द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उद्देश्य बंदियों को उन विधाओं में दक्ष बनाना है, जो उन्हें जेल से बाहर आने पर रोजगार के अवसर प्रदान करें. इस प्रकार की पहल से बंदियों का आत्मविश्वास भी बढ़ता है और वे भविष्य में अपराध से दूर रहकर समाज में अपना स्थान बना सकते हैं. बंदियों को गोपालन, मत्स्य पालन, बुनाई, सिलाई, शिल्प कला, और अन्य कौशलों में प्रशिक्षण दिया जाता है.
‘बंदियों के मनोबल को बढ़ाना है’
कारा अधीक्षक ज्ञानिता गौरव ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्व को समझाते हुए कहा कि जेल में बंद होने पर बंदियों के मन में कई तरह के विचार आते रहते हैं, जो अक्सर उन्हें निराश कर देते हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बंदियों के मनोबल को बढ़ाना और उन्हें यह समझाना है कि वे भी समाज में योगदान देने में सक्षम हैं. उनका आत्मनिर्भर बनने की दिशा में यह कदम उनकी सोच और मानसिकता को सकारात्मक दिशा में बदलने का काम करेगा.
स्वरोजगार के लिए मिलेगा ऋण
उन्होंने यह भी बताया कि अब हर बंदी के पास अपनी विशेषता और कौशल होगा, जिससे वह अपराध की ओर बढ़ने के बजाय नए रोजगार के अवसरों की ओर कदम बढ़ा सकेगा. जेल से बाहर आने के बाद इन बंदियों को सरकार की योजनाओं के तहत ऋण भी प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अपना खुद का व्यवसाय स्थापित कर सकें. यह योजनाएं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगी.
महत्वपूर्ण कदम है यह प्रशिक्षण
अधिकारियों ने बंदियों से अपील की कि वह अपने अनुभव और सीखे गए हुनर का सही उपयोग करें और एक नई शुरुआत करें. उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण उनके उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने बताया कि नियमित रूप से यह कार्यक्रम आयोजित करने से अधिक से अधिक बंदियों को इसका लाभ मिलता है. इस पहल से न केवल बंदियों के जीवन में सुधार आएगा, बल्कि समाज में भी अपराध की दर में कमी आने की संभावना है. आत्मनिर्भर बनने के बाद यह बंदी समाज का एक उपयोगी हिस्सा बन सकेंगे, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम करेंगे.
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