घाटशिला के मुसाबनी प्रखंड में बेनाशोल पंचायत में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय धीवर बस्ती के 16 बच्चे गांव के जंगल में जंगली फल खाकर बीमार हो गए. सभी बच्चों को स्कूल में पेट दर्द और उल्टी हुई. प्रधानाध्यापिका ने बच्चों की हालत देखते हुए एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल में एडमिट कराया. देर शाम लगभग 7.30 बजे बच्चों का स्वास्थ्य सुधार होने पर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.
जिसने फल खाया उसे कोई दिक्कत नहीं
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका गीता हांसदा ने बताया कि बच्चों ने स्कूल आने से पहले ही फल खाए थे. उसने बताया कि स्कूल के एक बच्चे ने सभी बच्चों को फल दिया था. उस बच्चे ने बताया कि वह हर दिन फल खाता है और उसे अभी तक कोई परेशानी नहीं हुई है.
बैंकों-NBFC की और से लगाए जाने वाले पेनल्टी पर अब नहीं देना होगा GST
प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी तेजविंदर कौर ने शाम 6.30 पर संवाददाता से घटना के बारे में पूछने पर अनिभिज्ञता जताई. उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में स्कूल की प्रधानाध्यापिका से बात करके आपको बताता हूँ. कुछ देर बाद, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने आजतक को फोन करके घटना पर सहमति जताई.
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने बताया कि इस घटनाक्रम को विद्यालय के मध्यान भोजन से कोई संबंध नहीं था. बच्चों ने सुबह स्कूल पहुंचने से पहले गांव में कुछ जंगली फल खाया था, फिर उन्हें उल्टी हुई और पेट दर्द हुआ. इसके बाद विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने एंबुलेंस बुला कर बच्चों को घाटशिला अनुमंडल अस्पताल भेजा.
अस्पताल में इलाजरत बच्चे
नमिता धीवर (11), रीमा पात्र (10), सुखदेव धीवर (12), मानव धीवर (8), आलोक लाला (11) अरब मुखी (7), रौशन धीवर (7), रोशनी धीवर ( 11), साहिल मुखी (8), रतन धीवर (11), नीर बील धीवर (11), सुनील धीवर (10) अंजना धीवर ( 8), धीरज मुखी ( 6) व अन्य शामिल हैं.
2 घंटे तक नहीं पहुंची एंबुलेंस, ग्रामीण हुए आक्रोशित
ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों की हालत खराब थी और फोन करने के लगभग दो घंटे बाद भी 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची, जिससे ग्रामीण नाराज हो गए. स्थानीय अमित सिंह ने झामुमो नेता काजल डॉन को सूचना दी, जिसके बाद एंबुलेंस पहुंची. बच्चों को घाटशिला अनुमंडल अस्पताल लाने में गुरमीत सिंह और सोना सिंह ने मदद की.
शिक्षा मंत्री अस्पताल पहुंचे, जानकारी ली
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने अनुमंडल अस्पताल पहुंचकर बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की और चिकित्सकों से उनका बेहतर इलाज करने को कहा. उनके साथ विधायक प्रतिनिधि जगदीश भकत, प्रखंड अध्यक्ष अर्जुन हांसदा, वकील हेंब्रम, प्रधान सोरेन काजल डान, राजहंस मिश्रा और विकास मजूमदार भी थे.
सभी बच्चे खतरे से बाहर, 12 घंटे तक निगरानी में रहेंगे : चिकित्सक
चिकित्सकों ने बताया कि सभी बच्चे की हालत खतरे से बाहर है और बच्चों को 12 घंटे तक अस्पताल में रखा जाएगा. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आर एन सोरेन के नेतृत्व में स्कूली बच्चों का प्राथमिक उपचार चल रहा है. डॉ. हिना रानी स्कूली बच्चों का इलाज कर रहे हैं. आवश्यकता पड़ी तो बच्चों को एमजीएम में रेफर किया जाएगा.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक