Shatrughan Sinha Support Uniform Civil Code: अपने बेबाक बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले दिग्गज अभिनेता और टीएमसी (TMC) सांसद शत्रुघ्न सिन्हा थोड़े बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। ‘बिहारी बाबू’ ने पहले ही वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा पेश बजट की सराहना की। इसके बाद अब उत्तराखंड में लागू UCC (समान नागरिक संहिता) और नॉनवेज पर बड़ा बयान देकर ममता दीदी के राजनीति खेमे में तहला मचा दी है। ऐसे में शॉटगन और ‘बिहारी बाबू’ के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्‍हा के व्‍यवहार ने टीएमसी चीफ ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को टेंशन दे दी है।

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सवाल उठ रहे हैं कि कहीं वो टीएमसी को टाटा बॉय-बॉय कहने की तैयारी तो नहीं कर रहे हैं। बार-बार पार्टी लाइन से अलग जाकर बीजेपी के पक्ष में बयानबाजी ये इशारा कर रही है कि ‘बिहारी बाबू’ के मन के किसे कोने से भाजपा के लिए पुराना प्यार तो ऊबाल नहीं मार रहा है। वहीं दूसरी तरफ ये भी चर्चा होेने लगी है कि शत्रुघ्न सिन्हा का आगे यही हाल रहा तो ममता बनर्जी उनके खिलाफ सख्‍त रुख अख्तियार भी कर सकती हैं।

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अब क्‍या बोले शत्रुघ्न सिन्‍हा
शत्रुघ्न सिन्हा ने मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध लगाने का हवाला देते हुए कहा कि इसे देश के कुछ हिस्सों में इसे लागू करना मुश्किल होगा। टीएमसी सांसद ने कहा, “देश के कई हिस्सों में गोमांस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. मुझे लगता है कि न केवल गोमांस बल्कि सामान्य रूप से मांसाहारी भोजन पर भी देश में प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। हालांकि, पूर्वोत्तर सहित कुछ जगहों पर अभी भी गोमांस खाना कानूनी है। वहा खाओ तो यम्मी, पर हमारे उत्तर भारत में खाओ तो मम्मी।

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यूसीसी का किया समर्थन

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करना प्रथम दृष्या सराहनीय है। उन्होंने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होना चाहिए और मुझे यकीन है कि हर कोई मेरी बात से सहमत होगा, लेकिन इसमें काफी बारीकियां और खामियां है।TMC सांसद ने आगे कहा कि प्रॉब्लम ये है कि जो नियम उत्तर भारत में लागू किए जा सकते हैं, उन्हें पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं किया जा सकता। UCC के प्रावधानों का मसौदा तैयार करने से पहले एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जानी चाहिए।

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27 जनवरी को उत्तराखंड में लागू हुआ यूसीसी

बता दें कि उत्तराखंड एक ऐतिहासिक कदम के तहत यूसीसी लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। यह 27 जनवरी से प्रभावी हो गया है। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता अधिनियम, 2024, विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और विरासत से संबंधित कानूनों सहित विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों को सुव्यवस्थित करेगा।

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उत्तराखंड के बाद गुजरात ने भी बढ़ाए कदम

उत्तराखंड में बीजेपी सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता(UCC) लागू करने के बाद गुजरात की भाजपा सरकार ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए वादे के मुताबिक इस पर अमल की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने UCC की जरूरत का आकलन करने और इसके लिए विधेयक का मसौदा तैयार करने को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। यह समिति 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।

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