Atis Nath Tiwari Resignation: बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है. चुनाव को लेकर सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं. इस बीच चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के मीडिया पैनलिस्ट असित नाथ तिवारी ने कल सोमवार (02 जून) को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने फेसबुक पोस्ट कर अपने इस्तीफे का ऐलान किया साथ प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर निशाना भी साधा. बता दें कि असित नाथ तिवारी कांग्रेस से भाजपा में आए थे.
तो आप बौखला गए- अतिस नाथ तिवारी
अपने फेसबुक पोस्ट में असित नाथ तिवारी ने इस्तीफे का कारण भी बताया. उन्होंने पोस्ट में लिखा कि, “आदरणीय दिलीप जायसवाल जी, हाल के दिनों में बढ़ी अपराध की घटनाएं और उसके बाद पीएमसीएच में ऊपर से नीचे तक धारदार हथियार से फाड़ दी गई रेप का शिकार हुई बच्ची के मामलों में आपका रुख हैरान करने वाला दिखा. आपराधिक घटनाओं के पीड़ित आप जैसे वीआईपी लोग तो होते नहीं, आम आदमी की पीड़ा से आपका क्या लेना-देना. मैंने पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल क्या उठा दिए आप बौखला गए.”
‘बलात्कारी पर आपको गुस्सा नहीं आया’
उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि, “पीएमसीएच कैंपस में एंबुलेंस में रेप पीड़िता वो बच्ची तड़पती रही, जिसे बलात्कारी ने धारदार हथियार से कई जगहों पर फाड़ दिया था, उसे बेड नहीं मिला. इसके खिलाफ मैंने आवाज उठा दी तो आपको गुस्सा आ गया. बलात्कारी पर आपको गुस्सा नहीं आया, लापरवाह और भ्रष्ट अस्पताल प्रशासन पर आपको गुस्सा नहीं आया. है न कमाल की बात!”
‘आभार के साथ स्वीकार कीजिए मेरा इस्तीफा’
असित नाथ तिवारी ने कहा कि, “मैं डॉक्टर संजय जायसवाल नहीं हूं, जो एक घुड़की में पोस्ट डिलीट कर के फरार हो जाऊंगा. मैं निजी स्वार्थों को मानवीय गरिमा से ऊपर नहीं रख सकता. आपके साथ मेरा चलना अब संभव नहीं है. आपने पार्टी में प्रवक्ता के तौर पर मुझे अवसर दिया इसके लिए आपका आभार… और इसी आभार के साथ कीजिए मेरा इस्तीफा स्वीकार, नमस्कार. असित नाथ तिवारी.”
दुष्कर्म के बाद काट दिया था मासूम का गला
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में 26 मई को दरिंदों ने एक 11 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. मासूम का दुष्कर्म करने के बाद आरोपियों ने बेरहमी से उसका गला काट दिया था और चाकू से सीना चीर दिया था. मासूम लथपथ हालत में एक पोखर के पास मिली थी. बच्ची को पटना के PMCH में भर्ती कराया गया था, जहां उसने रविवार (01 जून) को पीड़िता ने दम तोड़ दिया. पीडिता को शनिवार (31 मई) को कथित तौर पर अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध नहीं होने के कारण आठ घंटे से अधिक समय तक एम्बुलेंस में इंतजार करना पड़ा था. इसे लेकर काफी विवाद हुआ था और विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है.
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