Rajasthan News: बीकानेर स्थित सरकारी बीएड कॉलेज को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने इस प्रतिष्ठित संस्थान की मान्यता रद्द कर दी है, जिसके चलते इस वर्ष बीएड कोर्स में कोई भी दाखिला नहीं हो पाएगा। पहले ही एमएड पाठ्यक्रम की मान्यता समाप्त हो चुकी थी, और अब बीएड पाठ्यक्रम पर भी ताला लग गया है।

एनसीटीई ने खारिज की शिक्षा विभाग की अपील

एनसीटीई की अपील समिति ने शिक्षा विभाग की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें मान्यता को बहाल करने का अनुरोध किया गया था। समिति ने वेस्टर्न रीजनल कमेटी (DRC) के उस निर्णय को जायज़ ठहराया जिसमें संस्थान की मान्यता समाप्त करने का फैसला किया गया था। समिति ने स्पष्ट किया कि कॉलेज में जिन शिक्षकों को बीएड और एमएड के लिए लगाया गया था, वे अस्थायी रूप से स्कूलों से भेजे गए शिक्षक थे, जिनकी न तो नियमित चयन प्रक्रिया हुई और न ही स्थायी नियुक्ति।

शिक्षकों की नियुक्ति में गंभीर अनियमितताएं

1998 से बीएड और 2000 से एमएड कोर्स संचालित कर रहे इस कॉलेज में अब तक शिक्षकों की नियुक्ति आवश्यक मानकों के अनुरूप नहीं की गई। यह गंभीर चूक न केवल एनसीटीई के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह राज्य सरकार की शिक्षा प्रणाली पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। एनसीटीई ने दो टूक कहा है कि शिक्षक चयन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और संबद्ध विश्वविद्यालय के मानकों के अनुसार होना चाहिए।

अस्थायी स्टाफ होने के कारण रद्द हुई मान्यता

शिक्षा विभाग ने बीएड और एमएड के लिए 10 मार्च को 68 शिक्षकों की अस्थायी नियुक्ति की थी, परंतु यह स्टाफ केवल एक साल के लिए लगाया गया था और स्थायी नहीं था। एनसीटीई ने इसे नियमों के विरुद्ध मानते हुए मान्यता को निरस्त कर दिया।

PTET की काउंसलिंग से बाहर हुआ कॉलेज

बीकानेर के इस सरकारी बीएड कॉलेज को पीटीईटी 2024 की काउंसलिंग प्रक्रिया से भी बाहर कर दिया गया है। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा द्वारा 15 जून को पीटीईटी परीक्षा आयोजित की जा रही है, जिसमें दो लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। लेकिन इस कॉलेज की मान्यता समाप्त होने के कारण यहां प्रवेश संभव नहीं होगा।

टॉपर स्टूडेंट्स को निजी कॉलेज में लेना होगा एडमिशन

बीकानेर के सरकारी बीएड कॉलेज की मान्यता समाप्त होने से राज्यभर के टॉपर अभ्यर्थियों को निजी कॉलेजों में दाखिला लेना पड़ेगा। सरकारी कॉलेजों की संख्या महज दो है, और उनमें से एक की मान्यता खत्म हो चुकी है। सरकारी कॉलेजों में मिलने वाली सुविधाओं जैसे हॉस्टल और सामान्य वर्ग की छात्राओं को मिलने वाला ₹17,880 का शिक्षण शुल्क रिफंड अब उपलब्ध नहीं होगा।

अजमेर के कॉलेज पर फैसला लंबित

राजस्थान में सरकारी बीएड कॉलेजों की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। अजमेर स्थित सरकारी बीएड कॉलेज की मान्यता पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं आया है, लेकिन वहां भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। एमएड कोर्स की मान्यता पहले ही रद्द हो चुकी है और बीएड पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।

NCTE की शर्तें थीं पूरी नहीं

एनसीटीई के मानदंडों के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर होनी चाहिए, जो विश्वविद्यालय द्वारा गठित चयन समिति के माध्यम से की जाती है। लेकिन बीकानेर और अजमेर के कॉलेजों में अब तक स्कूल स्तर के शिक्षकों को ही तैनात किया गया है, जो आवश्यक शैक्षणिक मानकों को पूरा नहीं करते।

पिछले साल कोर्ट से मिली थी राहत

गौरतलब है कि वर्ष 2023 में भी मान्यता खत्म होने के बाद विद्यार्थियों ने कोर्ट का रुख किया था, जिसके बाद उन्हें अस्थायी रूप से दाखिला मिला था। लेकिन इस बार अपील समिति ने शिक्षा विभाग की याचिका को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है, जिससे अब न्यायिक राहत की संभावना भी कम प्रतीत हो रही है।

विश्वविद्यालय करेगा आदेश का पालन

एमजीएम विश्वविद्यालय के एडिशनल रजिस्ट्रार डॉ. बिट्ठल बिस्सा ने कहा है कि एनसीटीई और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुरूप ही बीकानेर के सरकारी बीएड कॉलेज को लेकर आगामी कदम उठाए जाएंगे। विश्वविद्यालय की ओर से किसी भी प्रकार का निर्णय इन्हीं निर्देशों के आधार पर लिया जाएगा।

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