Rajasthan News: राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से चली आ रही अंदरूनी खींचतान के बीच शनिवार को एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया, जब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के बीच जयपुर में गर्मजोशी से मुलाकात हुई। पायलट खुद गहलोत के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पहुंचे, जहां दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में गहन बातचीत हुई। इस बैठक में पार्टी और प्रदेश से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।

तीन महीने में तीसरी मुलाकात

गौरतलब है कि यह मुलाकात पिछले तीन महीनों में तीसरी बार हुई है। इससे पहले अप्रैल में अहमदाबाद और जयपुर एयरपोर्ट पर भी दोनों नेता आमने-सामने आए थे। इन मुलाकातों को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं पहले से ही तेज थीं, और अब जयपुर में हुई इस खास भेंट ने अटकलों को और बल दिया है।

राजेश पायलट की पुण्यतिथि बना बहाना, संवाद बना संकेत

मुलाकात के बाद गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि सचिन पायलट उन्हें अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करने आए थे। गहलोत ने लिखा, मैं और राजेश पायलट 1980 में पहली बार एक साथ लोकसभा पहुंचे थे और करीब 18 वर्षों तक सांसद रहे। उनके निधन से पार्टी को गहरा आघात पहुंचा था।

रिश्तों में सहजता के संकेत

इस मुलाकात की तस्वीरें अब सामने आ चुकी हैं, जिनमें दोनों नेताओं के बीच बढ़ती सहजता और राजनीतिक संवाद की झलक साफ दिखाई देती है। वर्षों से दोनों खेमों में चली आ रही तनातनी के बीच यह मुलाकात पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है।

क्या कांग्रेस में फिर से जमेगी एकजुटता की नींव?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बैठक से आने वाले दिनों में राजस्थान कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। यह मुलाकात महज शिष्टाचार नहीं, बल्कि पार्टी को मजबूत करने के लिए एक नई शुरुआत का संकेत मानी जा रही है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए यह दृश्य लंबे समय से प्रतीक्षित था जब दोनों बड़े नेता एक ही मंच और मकसद पर साथ दिखाई दें। अब देखना यह है कि क्या यह मेल-मिलाप एक स्थायी राजनीतिक तालमेल में तब्दील होगा या फिर यह भी एक औपचारिक शिष्टाचार भर बनकर रह जाएगा।

पढ़ें ये खबरें