Kedarnath Helicopter Crash: केदारनाथ के गौरीकुंड में रविवार को हुए भीषण हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले जयपुर निवासी पायलट राजवीर सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके आवास पहुंचेगा। अंतिम दर्शन के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

राजवीर के बड़े भाई चंद्रवीर सिंह ने बताया कि उन्होंने भाई के पार्थिव शरीर की पहचान घड़ी और अंगूठी के जरिए की। हालांकि, पुलिस ने डीएनए जांच के लिए चंद्रवीर का सैंपल भी लिया है। इस दुखद घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पत्नी दीपिका, माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता ने कहा, हमारे परिवार पर वज्र टूट पड़ा है… हम पूरी तरह बिखर गए हैं।” सोमवार को बड़ी संख्या में रिश्तेदार और परिचित राजवीर के घर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी।

15 जून को हुआ था हादसा

यह दर्दनाक हादसा 15 जून को केदारनाथ के निकट गौरीकुंड क्षेत्र में हुआ था, जब एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट सहित 7 लोगों की मौत हो गई थी।

पायलट राजवीर सिंह जयपुर के शास्त्री नगर क्षेत्र के निवासी थे। वे सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेना में 14 वर्षों तक सेवा देने के बाद वे नागरिक उड्डयन क्षेत्र में पायलट के रूप में कार्यरत थे। हाल ही में राजवीर सिंह जुड़वां बच्चों के पिता बने थे। घर में नए जीवन की खुशी थी, जो अब गम में बदल गई है।

2000 घंटे से ज्यादा उड़ान का अनुभव

राजवीर सिंह को हेलीकॉप्टर उड़ाने का 2000 घंटे से अधिक का अनुभव था। वे भारतीय वायुसेना में कैप्टन के तौर पर भी सेवाएं दे चुके थे। अक्टूबर 2024 में उन्होंने एक हेलीकॉप्टर एविएशन कंपनी जॉइन की थी।

खराब मौसम की चेतावनी दी थी

राजवीर के बड़े भाई चंद्रवीर सिंह ने बताया कि हादसे के वक्त राजवीर सबसे आगे उड़ रहे हेलीकॉप्टर के पायलट थे। लौटते समय वे करीब 1000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहे थे। खराब मौसम को भांपकर उन्होंने अन्य पायलटों को भी चेतावनी दी थी। अनुभव के आधार पर वे टीम का नेतृत्व कर रहे थे।

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