दिल्ली में आज (मंगलवार, 24 जून) रिकॉर्ड बनने जा रहा है. दिल्ली के मंत्री प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma)ने घोषणा की है कि सुबह से 3400 गड्ढों को एक साथ भरा जाएगा. उन्होंने कहा कि यह देश में पहली बार हो रहा है, जिसमें 70 AR, 150 JE और 1000 मजदूर मिलकर इस कार्य को पूरा करेंगे. इसके अलावा, हमारे विधायक और मैं स्वयं सुबह से मौके पर उपस्थित रहकर इस प्रक्रिया की निगरानी करेंगे.
मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि सभी गड्ढों को पीडब्लूडी मानकों के अनुसार भरा जाएगा. इसके लिए हमारी जीपीएस सक्षम वैन रियल टाइम ट्रैकिंग करेगी. जनता की शिकायतों और इंजीनियर्स के सर्वे के आधार पर सभी गड्ढों का मानचित्रण किया गया है, और सभी सड़कों को विभिन्न जोनों में विभाजित किया गया है.
दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में प्रवेश वर्मा ने बताया कि दिल्ली के इतिहास में पहली बार राजधानी की सड़कों को गड्ढा-मुक्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है. इसका मुख्य उद्देश्य मानसून से पहले सड़कों को गड्ढा-मुक्त करना है. उन्होंने कहा कि इस विशेष अभियान का लक्ष्य केवल सड़कों की मरम्मत करना नहीं है, बल्कि दिल्ली की जनता को यह विश्वास दिलाना है कि विकास में अब कोई कमी, घोटाला या बहाना नहीं होगा. वर्मा ने यह भी बताया कि पिछले चार महीनों से दिल्ली की सड़कों को सुधारने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. अब मानसून का समय नजदीक है, इसलिए हमने निर्णय लिया है कि मंगलवार को एक ही दिन में 3,400 चिह्नित गड्ढों को भरा जाएगा. प्रत्येक गड्ढे की मरम्मत से पहले और बाद में भू-टैगged और टाइम-स्टैम्प वाली तस्वीरें ली जाएंगी, ताकि कार्य में किसी प्रकार की अनियमितता न हो. इस अभियान में स्थानीय विधायकों को भी शामिल किया जाएगा.
मार्च 2026 तक 500 सड़कों के पुनर्निर्माण का कार्य पूरा किया जाएगा, ऐसा जानकारी प्रवेश वर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि पिछले चार महीनों में दिल्ली की खराब सड़कों की मरम्मत की जा रही है, जिसमें अब तक 150 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा चुका है. वर्तमान में 100 किलोमीटर सड़क का कार्य प्रगति पर है, जो जल्द ही समाप्त हो जाएगा. अगले वर्ष मार्च तक 500 किलोमीटर सड़कों की रिकारपेटिंग का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है. वर्मा ने यह भी कहा कि हर मरम्मत के बाद क्षेत्र में गुणवत्ता निरीक्षण अनिवार्य किया गया है, और गड्ढों को भरने का कार्य पीडब्ल्यूडी मानकों के अनुसार किया जाएगा, ताकि वे जल्दी खराब न हों.
15 मिनट में भरता है एक गड्ढा
हमने सचिवालय के सामने एक नमूना परीक्षण किया, जिसमें एक गड्ढा भरने में 15 मिनट का समय लगा. इसका अर्थ है कि एक गड्ढा 15 मिनट में भरा जा सकता है, और इसके बाद 15 मिनट के भीतर एक वाहन उस स्थान से गुजर सकता है. हम इसी प्रकार की उच्च गुणवत्ता के साथ कार्य करने की योजना बना रहे हैं, और इसके बाद इन कार्यों का सर्वेक्षण भी किया जाएगा.
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मंत्री ने आश्वासन दिया है कि सर्वेक्षण के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कार्य की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आई है. प्रवेश वर्मा ने बताया कि दिल्ली में चल रहे सड़क निर्माण कार्य में पहले सड़कों को उखाड़ा जा रहा है, जिसके बाद काम किया जा रहा है. इस प्रक्रिया से सड़क की गुणवत्ता में सुधार होगा, और इस बार की बारिश में सड़कें बहने की संभावना नहीं है.
शिकायतों और ड्रोन मैपिंग से गड्ढों की पहचान की गई
लोक निर्माण विभाग ने सड़कों पर गड्ढों की पहचान और उन्हें भरने के लिए तीन मुख्य आधार निर्धारित किए हैं. इनमें जनता से प्राप्त शिकायतें, जोनल स्तर पर सड़कों की सर्वे रिपोर्ट, और ड्रोन मैपिंग के माध्यम से चिह्नित गड्ढे शामिल हैं. इस प्रक्रिया में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों और आंतरिक सड़कों को भी ध्यान में रखा गया है.
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