कुमार इंदर, जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर DEO (जिला शिक्षा अधिकारी) का अपनी कुर्सी न छोड़ने का क्या मुख्य कारण यह है कि उनके खिलाफ लोकायुक्त में दर्ज भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत की जांच वर्तमान में जबलपुर में की जा रही है. क्या यही वजह है कि जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी का ट्रांसफर हुए करीब 1 महीने होने को आए. लेकिन अब तक वह अपने पद पर डटे हुए हैं. क्या उन पर लग रहे आरोप सही है कि वो अपने पद पर बने रहते हुए उनके खिलाफ चल रहे हैं भ्रष्टाचार के मामलों को रफा दफा करना चाहते हैं.

वहीं, प्रशासनिक गलियारों में यह तर्क दिया जा रहा है कि उनकी जगह रिलीविंग लेने वाला नहीं आया. इसलिए वह कार्य मुक्त नहीं किए गए. सवाल उठता है कि क्या जिला शिक्षा अधिकारी का बिना रिलीवर के ही हवा में ट्रांसफर कर दिया गया था?, या फिर उन पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप के दबाव में आकर आनन-फानन में ट्रांसफर किया गया था? क्या यह बात सच है कि सालों से अपनी कुर्सी पर जमे जिला शिक्षा अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं.

कांग्रेस ने DEO के खिलाफ जारी किया लेटर

जबलपुर कांग्रेस इकाई ने जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी के खिलाफ लेटर जारी करते हुए कहा है कि घनश्याम सोनी को इसलिए नहीं हटाया जा रहा है. क्योंकि जबलपुर लोकायुक्त में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं और वह उनको यहीं पद पर बने रहते हुए निपटारा करना चाहते हैं.

आज कलेक्टर का किया जाएगा घेराव

बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी का ट्रांसफर होने के बाद भी पदमुक्त न होने को लेकर कांग्रेस ने दो दिन पहले भी आंदोलन किया था. कांग्रेस जिला इकाई ने जिला शिक्षा अधिकारी का कार्यालय घेराव कर उन्हें कुर्सी से हटाने की मांग की थी. कांग्रेस ने अल्टीमेटम दिया था कि यदि 2 दिन के अंदर घनश्याम सोनी को पद मुक्त नहीं किया गया तो फिर कलेक्टर ऑफिस का घेराव किया जाएगा. उसी कड़ी में अब फिर से आज कलेक्टर ऑफिस का घेराव होना है.

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