अविनाश श्रीवास्तव/रोहतास। सासाराम से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसने न सिर्फ शहर की आधारभूत व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल भी खोल दी है। सिर्फ आधे घंटे की मूसलाधार बारिश ने सासाराम सदर अस्पताल को जलमग्न कर दिया है। अस्पताल परिसर में घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे डॉक्टर से लेकर मरीज तक सब बेहाल हैं।
हर रास्ता जलमग्न
बारिश इतनी तेज थी कि अस्पताल के सभी अहम हिस्सों जैसे ट्रामा सेंटर, ओपीडी, वार्ड, ब्लड बैंक तक जाने वाले रास्ते में पानी भर गया। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि अस्पताल का पूरा परिसर किसी झील की तरह नजर आ रहा है। मरीजों को स्ट्रेचर पर धकेलते हुए ले जाने वाले रास्ते भी पानी में डूबे हुए हैं, जिससे इलाज में देरी और जोखिम दोनों बढ़ गए हैं।
बीमारियों की वजह बन रहे अस्पताल
स्थिति इतनी गंभीर है कि डॉक्टरों और मरीजों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। अस्पताल के प्रबंधक अजय कुमार गुप्ता ने भी माना कि यह हालत बेहद चिंताजनक है। उनका साफ कहना है कि जब डॉक्टर गंदे पानी से होकर मरीजों के पास जाएंगे तो संक्रमण फैलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। अस्पताल का नाला और सड़क का पानी आपस में मिल चुका है, जिससे पूरा परिसर संक्रमण का हॉटस्पॉट बन चुका है।
निकासी व्यवस्था फेल, प्रशासन मौन
सदर अस्पताल जैसा महत्वपूर्ण संस्थान अगर सिर्फ आधे घंटे की बारिश में डूब सकता है, तो सोचिए कि बाकी शहर का क्या हाल होगा? यह पूरी तरह से प्रशासन की लापरवाही और नगर निगम की निष्क्रियता को उजागर करता है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यहां वर्षों से जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है, और हर मानसून में यही हाल होता है। प्रशासन का कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, न ही किसी प्रकार की त्वरित निकासी व्यवस्था की गई।सवाल यह है कि क्या आपातकालीन स्थिति में इस अस्पताल से जीवन की रक्षा की उम्मीद की जा सकती है? अब वक्त है प्रशासन के जागने का, वरना अगली बार यह जल जमाव सिर्फ असुविधा नहीं, जानलेवा साबित हो सकता है। जनता पूछ रही है क्या स्वास्थ्य सेवाएं भी अब भगवान भरोसे हैं?
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