लद्दाख में हुई हिंसा के बाद पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सरकार के निशाने पर आ गए हैं। सरकार ने वांगचुक के NGO का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरोप है कि एनजीओ ने विदेशी फंडिंग से जुड़े कानून का बार-बार उल्लंघन किया। इस फैसले के बाद अब वांगचुक का NGO विदेशों से फंडिंग प्राप्त नहीं कर सकेगा। इससे पहले खबर आई थी कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) वांगचुक के संस्थान हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) की विदेशी फंडिंग की जांच कर रही है।
यह कदम वांगचुक के नेतृत्व में केंद्र शासित प्रदेश में राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के 24 घंटे बाद लिया गया। गृह मंत्रालय ने स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया जो सोनम वांगचुक से जुड़ी है।
सोनम वांगचुक ने 1988 में की थी संस्था की स्थापना
स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख की स्थापना 1988 में सोनम वांगचुक ने की थी। यह संगठन लद्दाख में शिक्षा सुधार, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक गतिविधियों के क्षेत्र में काम करता रहा है। सरकार के इस कदम के बाद लद्दाख में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज हो गई है। वांगचुक पहले से ही लद्दाख की पर्यावरणीय और संवैधानिक मांगों को लेकर चर्चा में बने हुए हैं।
लद्दाख में हिंसा और गृह मंत्रालय का आरोप
हाल ही में वांगचुक ने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर 10 सितंबर से भूख हड़ताल शुरू की थी। इस बीच बुधवार (24 सितंबर, 2025) को क्षेत्र में 1989 के बाद सबसे गंभीर हिंसा हुई, जिसमें युवाओं ने भाजपा मुख्यालय और हिल काउंसिल पर हमला किया और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हालात काबू में लाने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। झड़पों में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हुई और 30 पुलिसकर्मी समेत 80 से अधिक लोग घायल हो गए।
गृह मंत्रालय का बयान
गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि सोनम वांगचुक ने अपने भड़काऊ बयानों के जरिए भीड़ को उकसाया। हिंसक घटनाओं के बीच उन्होंने अपना उपवास तोड़ा और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यापक प्रयास किए बिना एम्बुलेंस से अपने गांव चले गए।
लद्दाख हिंसा में हुई थी 4 लोगों की मौत
लद्दाख के लेह में बीते दिन प्रदर्शनकारियों ने भाजपा दफ्तर और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। ये लोग बीते लंबे समय से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने को लेकर वांगचुक के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे थे। बुधवार को यह प्रदर्शन हिंसक हो गया। इस दौरान 4 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि 80 से अधिक घायल हैं।