प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। आदिवासी युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कवर्धा पुलिस ने 36 घंटे के भीतर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया है। आरोपियों को मौके पर ले जाकर सीन रीक्रिएट किया गया। इसके अलावा सभी का शहर में जुलूस भी निकाला गया। इस दौरान आदिवासी समाज के लोगों का जमकर आक्रोश देखने को मिला और उन्होंने आरोपियों को फांसी देने की मांग की।


यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, यह घटना 24 सितंबर की रात की है। पीड़िता अपने परिचित के घर ठहरी थी और रात करीब दो बजे विवाद के बाद घर से निकलकर बस स्टैंड की ओर जा रही थी। इसी दौरान बाइक सवार तीन युवकों ने उसे बहला-फुसलाकर सुनसान इलाके (अटल आवास के पीछे) ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया। आरोपियों ने घटना को अंजाम देने से पहले सिलोशन ट्यूब का नशा किया था। घटना के बाद आरोपियों ने पीड़िता को धमकी देकर बस स्टैंड के पास छोड़ दिया।
इस घटना की जानकारी मिलते ही घटना से आक्रोशित आदिवासी समाज सड़क पर उतर आया और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करते हुए आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। घटना को लेकर बढ़ रहे जनाक्रोश और चौतरफा दबाव के बीच कवर्धा पुलिस ने 36 घंटों के भीतर आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी पाई। पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह छवाई ने मीडिया के सामने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया। एसपी ने बताया कि तीनों आरोपी आदतन अपराधी हैं, जिन्होंने पहले बाइक के जरिए पीड़िता का अपहरण कर सुनसान इलाके में ले जाकर दुष्कर्म को अंजाम दिया। घटना को अंजाम देने से पहले तीनों आरोपियों ने सिलोशन ट्यूब का नशा किया था।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम
जितेन्द्र खरे उर्फ जित्तु (22 वर्ष) पिता दिलीप खरे, निवासी उर्जा पार्क के पास, वार्ड क्रमांक 09, कवर्धा।
नसीम अहमद उर्फ छोटू (25 वर्ष) पिता नफीस खान, निवासी वार्ड क्रमांक 22, एकता चौक, कवर्धा।
मोहम्मद सरफराज उर्फ सफ्फु (21 वर्ष) पिता मोहम्मद अयूब, निवासी डालडापारा, आदर्शनगर, कवर्धा।
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