नितिन नामदेव, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में एक बार फिर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज विशेष अदालत में पेश किया। जहां एजेंसी ने उनसे पूछताछ के लिए कोर्ट से 3 दिन की कस्टोडियल रिमांड मांगी थी। विशेष अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ईडी को यह रिमांड दी है। रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद शुक्रवार को दोपहर 3:30 बजे सौम्या चौरसिया को फिर से ईडी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
बता दें कि ईडी ने अदालत में दलील दी कि शराब घोटाले की जांच में कई अहम आर्थिक लेन-देन, हवाला नेटवर्क और डिजिटल साक्ष्य सामने आए हैं, जिनकी तह तक जाने के लिए कस्टोडियल पूछताछ आवश्यक है। इसी आधार पर ईडी ने रिमांड की मांग की थी।

ईडी के अनुसार, यह मामला करीब 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़ा है। आरोप है कि वर्ष 2019 से 2023 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राज्य की शराब नीति में बदलाव कर चहेती कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया। लाइसेंस की शर्तें इस तरह बनाई गईं कि चुनिंदा कंपनियों को ही काम मिल सके।
नकली होलोग्राम और टैक्स चोरी
जांच में सामने आया है कि इन कंपनियों ने नोएडा की एक फर्म के जरिए नकली होलोग्राम और सील तैयार करवाई। इन्हीं नकली होलोग्राम लगी महंगी शराब की बोतलों को सरकारी दुकानों के माध्यम से बेचा गया। चूंकि होलोग्राम फर्जी थे, इसलिए बिक्री की पूरी जानकारी शासन के सिस्टम में दर्ज नहीं हो सकी और बिना एक्साइज टैक्स दिए शराब की बिक्री होती रही। इससे राज्य सरकार को करीब 2165 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
सौम्या चौरसिया तक 115 करोड़ पहुंचने का दावा
ईडी के रिमांड आवेदन में दावा किया गया है कि शराब घोटाले से जुड़े करीब 115 करोड़ रुपये दो अलग-अलग हिस्सों में लक्ष्मीनारायण बंसल के माध्यम से सौम्या चौरसिया तक पहुंचाए गए। इसके अलावा, आरोपी तांत्रिक केके श्रीवास्तव से पूछताछ में यह भी सामने आया है कि घोटाले की करीब 72 करोड़ रुपये की राशि हवाला के जरिए इधर-उधर की गई।
कोयला घोटाले की डायरी फिर बनी जांच का आधार
ईडी ने अदालत को बताया कि कोयला घोटाले की जांच के दौरान मिली एक ही डायरी को शराब घोटाले की जांच में भी साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया है। इसी डायरी में पहले कोयला घोटाले से जुड़े लेन-देन का उल्लेख था और अब उसमें शराब घोटाले से जुड़े करीब 43 करोड़ रुपये का भी जिक्र सामने आया है। इस डायरी में अनवर ढेबर और पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के नामों का भी उल्लेख बताया गया है।
बचाव पक्ष ने हवाला लेन-देन को लेकर उठाए सवाल

ईडी का दावा है कि करीब 70 करोड़ रुपये नकद हवाला के जरिए सौम्या चौरसिया के कहने पर इधर-उधर किए गए। हालांकि, बचाव पक्ष के वकील हर्षवर्धन परघनिया ने अदालत में इस बिंदु पर सवाल उठाते हुए कहा कि कथित तौर पर कैश हवाला करने वाला व्यक्ति अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
बचाव पक्ष ने वकील ने दिए ये तर्क
ईडी की कार्रवाई को लेकर बचाव पक्ष के वकील हर्षवर्धन परघनिया ने कहा कि एजेंसी एक ही डायरी के आधार पर अलग-अलग मामलों को जोड़कर पेश कर रही है। उन्होंने तर्क दिया कि जिस डायरी में पहले कोयला घोटाला दिखाया गया, अब उसी डायरी में शराब घोटाले का हवाला दिया जा रहा है, जो जांच की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।
पहले भी रह चुकी हैं जेल में
गौरतलब है कि सौम्या चौरसिया कोयला घोटाला मामले में भी प्रमुख आरोपियों में शामिल रही हैं। इससे पहले मई महीने में सुप्रीम कोर्ट की शर्तों पर सौम्या चौरसिया समेत छह आरोपियों को जमानत पर रिहा किया गया था। उस दौरान अदालत ने उन्हें राज्य से बाहर रहने के निर्देश भी दिए थे।
अब तक कई बड़े नाम गिरफ्तार
शराब घोटाला मामले में अब तक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर समेत कई बड़े नामों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके अलावा आबकारी विभाग के 28 अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया था, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
अब सबकी निगाहें ईडी की कस्टोडियल पूछताछ और शुक्रवार को होने वाली अगली पेशी पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान शराब और कोयला घोटाले के बीच कथित आर्थिक कड़ियों को लेकर और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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