जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ED ने श्रीनगर की एक अदालत में आवेदन दायर कर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और अन्य के खिलाफ JKCA मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 2 नए आपराधिक आरोप जोड़ने की मांग की है. इस मामले को पिछले महीने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था.

ED ने श्रीनगर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में याचिका दायर कर जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित मामले में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) और 424 (बेईमानी या धोखाधड़ी से संपत्ति हटाना या छिपाना) जोड़ने का अनुरोध किया है.

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यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और 86 वर्षीय अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में है. अब्दुल्ला NC के अध्यक्ष हैं.

ED ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने फारूक अब्दुल्ला और कुछ अन्य के खिलाफ मामला और आरोपपत्र 14 अगस्त को खारिज कर दिया था. अगर अदालत केंद्रीय एजेंसी की याचिका को स्वीकार कर लेती है और पाती है कि PMLA के तहत कोई पूर्वनिर्धारित अपराध किया गया है तो वह नई FIR दर्ज करने के लिए कह सकती है.

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ED ने अपने आवेदन में श्रीनगर की अदालत से आरोपियों के खिलाफ 2 धाराओं के तहत नए आरोप तय करने का अनुरोध किया है. इसमें कहा गया है कि उसे (श्रीनगर की अदालत को) CRPC की धारा 216 के तहत आरोपों को “जोड़ने/संशोधित करने” के लिए व्यापक शक्तियां प्राप्त हैं और “न्याय के हित में उचित मामलों में इसका प्रयोग किया जा सकता है”. इस मामले में एजेंसी ने अब्दुल्ला से कई बार पूछताछ की है. ED ने अब्दुल्ला और अन्य की 21.55 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है.

एजेंसी का मामला उसी आरोपी के खिलाफ CBI द्वारा दायर 2018 के आरोप पत्र पर आधारित है. CBI के आरोपपत्र में 2002 से 2011 के बीच तत्कालीन राज्य में खेल को बढ़ावा देने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा दिए गए अनुदान से “जेकेसीए के 43.69 करोड़ रुपये के धन की हेराफेरी” का आरोप लगाया गया है. ED ने पहले कहा था कि उसकी जांच में पाया गया कि JKCA को वित्तीय वर्ष 2005-2006 से 2011-2012 (दिसंबर 2011 तक) के दौरान BCCI से 3 अलग-अलग बैंक खातों में 94.06 करोड़ रुपये मिले थे.