Daughter Day 2024: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में महिला सशक्तिकरण का जो महाअभियान चल रहा है, भारतीय रेल भी उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. भारतीय रेल में महिलाओं को बड़ी से बड़ी भूमिका निभाने का अवसर मिल रहा है, जिसे वो सफलतापूर्वक निभा भी रही हैं.
ताजा उदाहरण भारतीय रेल की महिला लोको पायलट ऋतिका तिर्की का है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 सिंतबर को झारखंड में शुरू की गई 6 नई वंदे भारत ट्रेनों में से एक टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस में सहायक महिला लोको पायलट की जिम्मेदारी निभा रही हैं. टाटानगर-पटना वंदे भारत ट्रेन को चलाने वाली सहायक महिला लोको पायलट ऋतिका के अनुसार स्वदेश में निर्मित इस अत्याधुनिक ट्रेन को चलाने का अवसर मिलना बहुत ही सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि वे इस वंदे भारत ट्रेन को चलाकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. देखा जाए तो एक तरह से वंदे भारत ट्रेन देश में एवं भारतीय रेल में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरी हैं.
कौन है ऋतिका तिर्की (Daughter Day 2024)
झारखंड की रहने वाली ऋतिका ने बताया कि वो एक साधारण परिवार से आती हैं. परिवार में कुल चार भाई-बहन हैं. उनकी स्कूली शिक्षा रांची से हुई है और 12वीं के बाद उन्होंने BIT MESRA, रांची से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. उसके बाद वर्ष 2019 में उन्होंने भारतीय रेल के धनबाद डिवीजन में असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में नौकरी शुरू की थी. रेलवे में उनकी पहली पोस्टिंग चंद्रपुर, बोकारो में हुई थी. वर्ष 2021 में ऋतिका का ट्रांसफर टाटानगर हो गया और 2024 में उन्हें सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर प्रोन्नत कर दिया गया.
रेलवे में सहायक लोको पायलट के रूप में ऋतिका अपनी जिम्मेदारियों से बेहद खुश हैं. उन्होंने बताया कि ट्रेन चलाने से दो घंटे पहले कॉल बुक दिया जाता है और ड्यूटी पूरी होने के बाद 16 घंटे का आराम दिया जाता है. उन्होंने कहा कि समय के साथ-साथ रेलवे में लोको पायलट्स के मिलने वाली सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं. रेलवे द्वारा महिला लोको पायलट्स के लिए अलग से रनिंग रूम में व्यवस्था की जाती है और वरिष्ठ अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिलता है.
ऋतिका ने रेलवे में अपनी नौकरी के बारे में बताते हुए कहा कि जब उन्होंने सहायक लोकोपायलट के रूप में नौकरी शुरू की थी, तब थोड़ा डर लगता था कि ट्रेन चला पाऊंगी या नहीं, लेकिन धीरे-धीरे यह डर समाप्त होता गया. उन्होंने कहा कि अब उन्हें ट्रेन चलाने में बहुत अच्छा लगता है. ऋतिका यात्री ट्रेन और मालगाड़ी दोनों ही चलाती हैं, उन्होंने कहा कि ट्रेन चलाने के दौरान अलग-अलग शहरों में जाना काफी रोमांचक लगता है और उन्होंने अपने कार्य के दौरान काफी खुशी महसूस होती है.
ऋतिका ने बताया कि यह वंदे भारत ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और यह बाकी ट्रेनों से बहुत अलग है. इस ट्रेन के हर कोच में सीसीटीवी कैमरा और फायर अलार्म लगा हुआ है, साथ ही यात्रियों के लिए पायलट से बात करने के लिए आपातकालीन टॉक-बैक की सुविधा भी मौजूद है.
ऋतिका के मुताबिक वंदे भारत के केबिन में जो भी सिस्टम लगा हुआ है, वो पूरी तरह से ऑटोमैटिक है. इसमें सिग्नल देने के लिए झंडी की जरूरत नहीं पड़ती है, बल्कि लाल और हरे बटन को दबाकर सिग्नल दिया जा सकता है. इसके अलावा इस ट्रेन के केबिन में पायलट के लिए एसी, आरामदायक सीट एवं टॉयलेट जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं.