राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की रहस्यमयी मौत से हर कोई हैरान है। एक के बाद एक हो रही मौतों ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है। वहीं शासन ने भी इस मामले में कार्रवाई की बात कही है। लेकिन आखिर यह हत्या है या हादसा, इसकी अब तक पुष्टि नहीं हो सकी है। इस राज से पर्दा उठाने के लिए मध्य प्रदेश के साथ दिल्ली की SIT जांच कर रही है और बांधवगढ़ नेशनल टाइगर रिजर्व में डेरा डाला है।

WCCB ने किया SIT का गठन

वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) ने एसआईटी गठित की है। वहीं मध्य प्रदेश में भी इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन हुआ है। मुख्य वन्य जीव अभिरक्षक विजय अंबाडे ने राज्य शासन के निर्देश पर 5 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। 

पार्क में आने-जाने वालों का खंगाला जा रहा रिकॉर्ड

नेशनल टाइगर कंजरवेटर अथॉरिटी (एनटीसीए) के सेंट्रल जोन के एआईजी नंदकिशोर काले टीम के साथ बांधवगढ़ में डेरा डाला है। रिसॉर्ट संचालकों पर भी संदेह जताया जा रहा है। हालांकि, अभी स्पष्ट तौर पर कोई सबूत कोई साक्ष्य नहीं मिला है। 5 कि.मी. के दायरे में जांच की जा रही है। साथ ही पार्क में आने-जाने वालों का भी रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। गौरतलब है कि खितौली और पतौर रेंज में 13 हाथियों के झुंड में से 10 की मौत हुई है। 

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