रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीरनारायण सिंह के बलिदान दिवस पर राजधानी रायपुर के जयस्तंभ चौक पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री ने शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा पर मल्यार्पण कर उन्हें नमन किया.
उप मुख्यमंत्री अरुण साव, आदिमजाति विकास मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक पुरन्दर मिश्रा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण इस अवसर पर उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री साय ने शहीद वीर नारायण सिंह के मातृभूमि के प्रति योगदान को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर देने वाले आदिवासी जन-नायक वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत थे. वे सोनाखान के ज़मींदार परिवार से थे लेकिन उन्होंने आदिवासियों, किसानों और गरीबों के लिए लड़ाई लड़ी. उन्होंने सन् 1856 के भीषण अकाल के दौरान गरीबों को भूख से बचाने के लिए अनाज गोदाम से अनाज निकालकर गरीबों में बांट दिए. उन्होंने सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ की जनता में देश भक्ति का संचार किया. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह के संघर्ष, मातृभूमि के प्रति समर्पण और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा. गरीबों और किसानों के रक्षक के रूप में उनकी गौरवगाथा सदैव अमर रहेगी.
शहीद वीर नारायण सिंह के वंशजों को पेंशन देने की घोषणा
सीएम ने बताया कि धरती आबा विकास योजना की शुरुआत की गई है, इसमें 6500 गांव का विकास होना है. आज यहां 192 करोड़ के 242 कामों के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया है. उन्होंने इस दौरान स्कूल में हॉस्टल बनाने, हर वर्ष वीर नारायण सिंह की याद में होने वाले आयोजन के लिए 15 लाख देने की घोषणा की. साथ ही रानी सागर, राजा सागर और देव सागर तालाब को पुष्कर धरोहर के रूप में विकसित करने की घोषणा और पेंशन से बचे शहीद वीर नारायण सिंह के वंशजों को पेंशन देने की घोषणा की.
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